नैनीताल बैंक ठगी मामले में सीए का भाई गिरफ्तार
नोएडा सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक के आरटीजीएस चैनल को हैक कर 16.95 करोड़ रुपये की जालसाजी का सरगना गाजियाबाद का सीए निकला। हर्ष बंसल और उसके भाई शुभम ने मिलकर फर्जी फर्मों के जरिए बैंक से ठगी की।...
नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक के रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) चैनल को हैक कर 16 करोड़ 95 लाख रुपये की जालसाजी करने का सरगना गाजियाबाद का चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) निकला। उसने ही फर्जीवाड़े की पूरी पटकथा लिखी थी। साइबर क्राइम थाने की टीम ने शुक्रवार को लाल कुआं के पास से सीए के भाई को गिरफ्तार कर लिया। सीए की तलाश जारी है। आरोपी का नाम विवेचना के दौरान सामने आया था। आरोपी की पहचान दादरी निवासी हर्ष बंसल के रूप में हुई। एसीपी साइबर क्राइम विवेक कुमार रंजन के मुताबिक हर्ष ने पूछताछ में बताया कि शुभम बंसल उसका बड़ा भाई है और सीए है। उसका कार्यालय गाजियाबाद के लोहा मंडी में बी शुभम एंड एसोसिएट के नाम से है। हर्ष का एक दोस्त संजय कुमार है। तीनों को रुपये की जरूरत थी। तीनों ने लोन लेने का प्रयास किया, लेकिन किन्हीं कारणों से मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद हर्ष और शुभम ने अपने अन्य साथियों के साथ साजिश रची की कि कुछ फर्जी फर्म खोलकर उनके नाम से करंट खाते खुलवाकर नैनीताल बैंक के सर्वर को हैक कराकर उनमें रुपये ट्रांसफर किए जाएं। इन रुपये को अन्य खातों में ट्रांसफर कराकर एटीएम के जरिए निकाल लिया जाएगा। इस साजिश में शामिल सभी लोगों को उनका हिस्सा मिलेगा। शुभम बंसल सीए का काम करता है और इन कामों को बहुत अच्छी तरह से जानता है। उस पर हर्ष और उसके साथी संजय ने विश्वास करते हुए साजिश को अंतिम रूप देना शुरू किया। इसके लिए पहले तीनों ने खाता खोला। शुभम बंसल ने सत्यराज कांट्रेक्टर के खाता संख्या 80001112298 में 19 जून को 99 लाख 80 हजार 500 ट्रांसफर करवाए थे। इस रकम को अन्य खातों में ट्रांसफर कराकर हर्ष को कमीशन के छह लाख रुपये दिए गए थे। यह रकम बैंक से हुई ठगी की थी। इन रुपये से हर्ष ने अपना कर्जा चुका दिया।
एसीपी ने बताया कि इस मामले में शुभम बसंल के कार्यालय बी शुभम एंड एसोसिएट को सील किया गया है। अब तक इस मामले में दो करोड़ आठ हजार रुपये फ्रीज कराए गए हैं। विवेचना के दौरान जिन आरोपियों के नाम सामने आए, उनकी गिरफ्तारी के लिए दो टीमें गठित हैं, जो संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही हैं। पुलिस इसकी भी जानकारी कर रही है कि सीए ने पूर्व में भी कहीं ऐसा ही फर्जीवाड़ा तो नहीं किया है। इससे पहले नाइजीरियन गिरोह द्वारा ठगी करने की आशंका जताई जा रही थी।
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