Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Nine thousand farmers families will be settled in nearby villages due to jewar airport noida second phase work

जेवर एयरपोर्ट : 9000 किसानों को पास के दो गांवों में बसाया जाएगा, 200 हेक्टेयर में बनेंगे आवास

जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रथम चरण के तहत 1334 हेक्टेयर में चल रहा काम पूरा होने को है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने दूसरे चरण के काम को गति देने की तैयारी कर ली है।

Praveen Sharma हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडाSat, 9 Nov 2024 11:42 AM
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जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का प्रथम चरण के तहत 1334 हेक्टेयर में चल रहा काम पूरा होने को है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने दूसरे चरण के काम को गति देने की तैयारी कर ली है।

एयरपोर्ट के दूसरे चरण का विस्तारण 1365 हेक्टेयर में होगा, यहां रह रहे करीब नौ हजार परिवारों को पास के गांवों मॉडलपुर और फलैदा बांगर में विस्थापित किया जाना है, जिसके लिए अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि पहले चरण में नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण कार्य करीब 95 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। 17 अप्रैल 2025 में यहां से उड़ान प्रस्तावित है। अब कामर्शियल फ्लाइट से जुड़े लाइसेंस इत्यादि की प्रक्रिया चल रही है।

दूसरे चरण से प्रभावित नौ हजार किसान परिवारों के लिए दो गांव में 200 हेक्टेयर में आवास बनाए जाएंगे। यह दोनों गांव फिल्म सिटी के पास होने के साथ ही एक्सप्रेसवे से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा रैपिड और अन्य सुविधाओं को भी लोगों को लाभ मिलेगा।

किसानों ने डीएम के साथ बैठक की

वहीं, दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा में एनटीपीसी दादरी परियोजना से प्रभावित किसानों की शुक्रवार को डीएम मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में हुई वार्ता सकारात्मक रही। इससे किसानों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। परियोजना से प्रभावित सभी किसान परिवारों के एक सदस्य को रोजगार एवं ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) पॉलिसी पर प्रमुख रूप से चर्चा हुई।

बैठक में एडीएम प्रशासन और एसडीएम दादरी के अलावा एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। डीएम मनीष कुमार वर्मा ने किसानों की मांगों से एनटीपीसी के अधिकारियों को अवगत कराया। किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर खलीफा ने कहा कि पूर्व में जो करार किसानों के साथ किए गए हैं, उसे पूरा करने की जिम्मेदारी एनटीपीसी की है।

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