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गुरुग्राम नाइटक्लब के बाहर धमाकों की NIA ने शुरू की जांच, लॉरेंग गैंग ने मांगी थी रंगदारी

एनआईए ने गुरुग्राम में दो नाइटक्लब के बाहर हुए बम धमाकों की जांच के लिए एक मामला दर्ज किया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के पर मामला दर्ज किया गया है।

Krishna Bihari Singh हिन्दुस्तान, गुरुग्रामMon, 20 Jan 2025 08:50 PM
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गुरुग्राम नाइटक्लब के बाहर धमाकों की NIA ने शुरू की जांच, लॉरेंग गैंग ने मांगी थी रंगदारी

रंगदारी मांगने के लिए पिछले साल 10 दिसंबर को गुरुग्राम के सेक्टर-29 मार्केट के बाहर किए गए बम धमाके की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुरू कर दी है। टीम जल्द ही गुरुग्राम पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। एनआईए ने पंचकूला में स्थित अदालत में मामले की जांच करने की जानकारी दे दी है।

गृह मंत्रालय के आदेश पर ऐक्शन

बता दें कि गृह मंत्रालय के आदेश पर बम ब्लास्ट की जांच एनआईए को सौंपी गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, एनआईए की टीम ने दो जनवरी, 2025 को बीएनएस की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की।

तीन आरोपियों को रिमांड पर लेने की तैयारी

ब्लास्ट मामले की जांच करते हुए गुरुग्राम पुलिस की एसआईटी ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, प्रारंभिक जांच के बाद दो आरोपियों को बरी कर दिया गया था, जबकि मुख्य आरोपी सचिन तालियान, अंकित और बहादुरगढ़ के उनके सहयोगी भाविश वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।

गोल्डी बरार के इशारे पर वारदात

पूछताछ के दौरान आरोपी सचिन ने गोल्डी बरार और उसके अमेरिका में रहने वाले उसके सहयोगी रणदीप मलिक के निर्देश पर विस्फोटों को अंजाम देने की बात कबूल की। एनआईए द्वारा जांच शुरू होने के बाद नौ जनवरी को मामले का न्यायिक रिकॉर्ड गुरुग्राम में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा पंचकूला में NIA की विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया।

मौके पर से सचिन को किया था गिरफ्तार

सचिन तालियान को राज्य पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उसके कब्जे से एक पिस्टल, जिंदा कारतूस और दो जिंदा देशी बम बरामद किए थे। सचिन ने गिरफ्तारी के बाद आंतकी सतविंदर सिंह उर्फ ​​​​सतिंदरजीत सिंह उर्फ ​​​​गोल्डी बराड़ से जुड़ा होने का दावा किया था। वह एक आतंकवादी का संचालन कर रहा है।

बब्बर खालसा का हाथ होने का अंदेशा

गुरुग्राम में सीजेएम विक्रम जीत सिंह की अदालत के आदेश में कहा गया कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल नाम का संगठन एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है और उसने यह भी दावा किया कि रंगदारी नहीं देने पर क्लब के बाहर ब्लास्ट किया गया था।

लॉरेंस गैंग ने मांगी थी रंगदारी

गुरुग्राम में क्लब के कारोबारियों से लॉरेंस गैंग ने करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगी थी। रंगदारी नहीं देने पर लॉरेंस गैंग के गुर्गों ने रेकी करने के बाद 10 दिसंबर 2024 को सुबह दो क्लब के बाहर देसी बम से हमला किया था। बम फेंकने वाले एक आरोपी को मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया था।

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