दिल्ली के इस इलाके में अवैध तरीके से भूजल दोहन पर होगी सख्ती, NGT का मुख्य सचिव को आदेश
एनजीटी ने राष्ट्रीय राजधानी के मयूर विहार इलाके में अवैध भूजल दोहन पर एक बड़ा आदेश पारित किया है। एनजीटी ने अधिकारियों की लापरवाही को देखते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव को दो-टूक आदेश दिया है।

एनजीटी ने दिल्ली में अवैध भूजल दोहन पर एक बड़ा आदेश पारित किया है। एनजीटी ने राष्ट्रीय राजधानी के मयूर विहार इलाके में अवैध भूजल दोहन पर कार्रवाई करने में अधिकारियों की लापरवाही को देखते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव को दो-टूक आदेश दिया। एनजीटी ने दिल्ली के मुख्य सचिव से कहा कि अवैध भूजल दोहन पर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें।
एनजीटी ने मयूर विहार में नोएडा लिंक रोड से सटे यमुना के किनारे बोरवेल के जरिए भूजल के कथित अवैध दोहन के मामले की सुनवाई कर रहा था। एनजीटी ने भूजल दोहन करने वाले टैंकरों के कथित नेटवर्क के मुद्दे पर भी सुनवाई की।
एनजीटी ने मयूर विहार में नोएडा लिंक रोड से सटे यमुना के किनारे बोरवेल के जरिए भूजल के कथित अवैध दोहन के मामले की सुनवाई कर रहा था। एनजीटी ने भूजल दोहन करने वाले टैंकरों के कथित नेटवर्क के मुद्दे पर भी सुनवाई की। एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 5 मई को दिए अपने आदेश में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) का रेफरेंस देते हुए कहा कि कार्रवाई करना जिला मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी है।
दूसरी ओर, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मामले में कहा कि अधिकारियों से जानकारी का इंतजार है। न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि केंद्रीय भूजल प्राधिकरण की ओर से इस मसले पर कोई जवाब नहीं मिला है। इसके साथ ही उपाध्यक्ष को वर्चुअल रूप से हाजिर होने का निर्देश दिया गया।
एनजीटी ने कहा कि विभिन्न प्राधिकरणों के अपनाए रुख से साफ है कि अधिकारियों में से कोई भी संबंधित इलाके में भूजल के अवैध दोहन करने वालों के खिलाफ ऐक्शन लेने में गंभीर नहीं है। इसके बाद एनजीटी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को मामले की जांच करने को कहा ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि अवैध जल निकासी पर रोक लगाई जा सके।
एनजीटी ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को भी नोटिस जारी किया। अब इस मामले की 10 सितंबर को सुनवाई होगी। कार्यवाही के दौरान एनजीटी ने पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट के जवाब को रिकॉर्ड में लिया। जिला मजिस्ट्रेट ने अपने जवाब में कहा था कि डीडीए की जमीन पर यमुना खादर में एक नर्सरी के पास केवल दो अवैध बोरवेल पाए गए। इन बोरवेल को सील कर दिया गया है। उनके मालिकों की पहचान नहीं की जा सकी है।