NGT ने DJB से मांगी दिल्ली की अवैध कॉलोनियों की पूरी जानकारी, क्या है वजह?
- राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने दिल्ली की सभी अवैध कॉलोनियों की जानकारी मांगी है। इसके लिए एनजीटी ने डीजेबी को एक महीने का समय दिया है। आइए जानते हैं आखिर इसके पीछे की वजह क्या है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत कॉलोनियों का पूरा ब्यौरा बताने का निर्देश दिया है। एनजीटी के मुताबिक, बोर्ड अनधिकृत कॉलोनियों का स्थान, उनसे निकल रहे सीवेज के पानी और उनके मौजूदा या प्रस्तावित सीवेज नेटवर्क की जानकारी देगा। इसके लिए एनजीटी ने डीजेबी को एक महीने का समय दिया है। इस एक महीने में डीजेबी को सभी जानकारी एनजीटी को देनी होगी। अब मामले की सुनवाई आने वाले साल के फरवरी महीने में होगी।
बुधवार को हरित निकाय, दिल्ली में अपर्याप्त सीवेज शोधन सुविधाओं के मुद्दे पर सुनवाई कर रहा था। इस मामले पर सुनवाई करते हुए एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने 11 नवंबर के अपने आदेश में कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने एक नई रिपोर्ट दायर की है, जिसमें उत्पन्न सीवेज जल की मात्रा और उसके शोधन की जानकारी दी गई है।
मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि यह बताया गया है कि पहले 621 अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर नेटवर्क नहीं था, जबकि अब ऐसी कॉलोनियों की संख्या 597 रह गई है। पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति ए के त्यागी और न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा विशेषज्ञ सदस्य अफरोज अहमद भी शामिल थे। हालांकि, पीठ ने रिपोर्ट में दी गई डिटेल्स पर नाराजगी जाहिर की है। सुनवाई के दौरान पीठ ने दी गई जानकारी को अपर्याप्त बताया। अब इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए एनजीटी ने डीजेबी से डिटेल में जानकारी मांगी है।
बुधवार को सुनवाई के दौरान एनजीटी ने दिल्ली जल बोर्ड को इस मामले की पूरी जानकारी देने के लिए समय दिया है। डीजेबी को अनाधिकृत कॉलोनियों और उनस निकल रहे सीवेज के पानी के साथ इन अनाधिकृत कॉलोनियों के लिए प्रस्तावित नेटवर्क भी जानकारी एनजीटी को देनी होगी। इसके लिए एनजीटी ने डीजेबी को 4 सप्ताह का समय दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।