येस बैंक में हिस्सेदारी को लेकर सौदा फंसा
मुंबई में येस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने की प्रक्रिया में दुविधा आ गई है क्योंकि बोलीदाता 51 प्रतिशत हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं। आरबीआई इस पर असहज है, जिससे सौदा खतरे में पड़ सकता है। वर्तमान...
मुंबई, एजेंसी। निजी क्षेत्र के येस बैंक में हिस्सेदारी खरीद की प्रक्रिया बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने पर बोलीदाताओं के जोर देने की वजह से खतरे में पड़ सकती है। एक जानकार सूत्र ने गुरुवार को यह आशंका जताई। यह पूछे जाने पर कि क्या चालू वित्त वर्ष के अंत तक यह सौदा पूरा हो जाएगा, सूत्र ने कहा कि सौदा दुविधा में फंसता दिख रहा है। सूत्र के मुताबिक, आरबीआई इस बात से असहज है कि एक विदेशी संस्था के पास येस बैंक जैसी बड़ी वित्तीय संस्था में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हो। जापान की एसएमबीसी और अमीरात एनबीडी के रूप में दो बोलीदाता मैदान में हैं।
मौजूदा नियमों के मुताबिक, किसी भी बैंक में किसी इकाई के पास अधिकतम 26 प्रतिशत हिस्सेदारी की अनुमति है और इस सीमा से अधिक हिस्सेदारी वाले मामलों में इसे कम करने के लिए एक निश्चित समयसीमा निर्धारित की गई है।
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