OPINION: पूनम पांडे ने आखिर क्यों किया यह स्टंट और कब होगी उनपर कार्रवाई?
पूनम पांडे ने चर्चा में बने रहने के लिए तथाकथित जागरूकता का अभियान चलाया, लेकिन यह चीप स्टंट के अलावा कुछ नहीं है। ऐसे स्टंट पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि फिर कोई ऐसा करने की हिम्मत न करे।
...तो पूनम पांडे जिंदा है! यह कितनी अजीब बात है कि एक दिन पहले, जिसने अपने मरने की अफवाह फैलाई, वह अगले दिन जिंदा निकली। और, वह भी इस कारण अफवाह फैलाई थी क्योंकि वह कथित रूप से कैंसर को लेकर जागरूकता पैदा करना चाहती थी। यह जागरूकता भी अजीब चीज है, जो पैदा करने के लिए इतनी बड़ी सनसनी फैलाई जा सकती है।
वैसे पूनम पांडे सनसनी का ही दूसरा नाम है। पूनम पांडे के कार्य पर कोई टिप्पणी न करते हुए उनके सनसनी फैलाने वाले कदमों पर ही बात की जानी चाहिए। वह पहले भी इस प्रकार के कार्य कर चुकी हैं और इसे लेकर किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए थी, मगर इस प्रकार से मौत का मजाक बनाना?
लोगों को बेवकूफ समझना?
कुछ देर के लिए लोगों को यह खबर सही लगी कि पुनम पांडे अब इस दुनिया में नहीं रही हैं, मगर उसके बाद लोगों के दिल में संदेह पैदा होने लगा क्योंकि सर्वाइकल कैंसर एकदम से जान नहीं ले सकता है और जो महिला कुछ ही दिन पहले आयोजनों में सम्मिलित हो रही हो, वह एकदम से कैसे मर सकती है? यह एकदम से मरने की बात लोगों को समझ नहीं आई और लोग कहने लगे कि कुछ गलत है।
मगर जब पूनम पांडे ने आकर यह कहा कि वह जीवित हैं तो लोगों का गुस्सा भड़क गया? उन्हें लगा कि कैसे कोई अपनी मौत को लेकर पब्लिसिटी स्टंट कर सकता है? आल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश श्यामलाल गुप्ता ने तो पूनम पांडे पर एफआईआर दर्ज कराने की भी बात की। उनका कहना था कि क्या यह मजाक है? आप सस्ती लोकप्रियता के लिए इस सीमा तक नीचे गिर सकती हैं? बॉलीवुड में अभी तक किसी ने ऐसी सस्ती हरकत नहीं की है। आपने लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है और उन्होंने यह भी कहा कि एफआईआर कराना इसलिए आवश्यक है, जिससे कोई और व्यक्ति कभी ऐसी हरकत न करे।
अब एक सबसे महत्वपूर्ण बात यहाँ पर उभरकर आती है कि यदि पूनम पांडे के स्थान पर कोई पुरुष ऐसा कोई चीप पब्लिसिटी स्टंट करता तो क्या होता? क्या पुलिस अभी तक उसके घर पर नहीं पहुंच गई होती? क्या उसे लेकर नकारात्मक बातें नहीं हो रही होतीं? उसे माफी मांगने पर मजबूर नहीं किया जा रहा होता? सब कुछ होता।
पूनम पांडे की इस हरकत पर लोग निंदा तो कर रहे हैं, मगर यह तब तक अधूरा है जब तक इस प्रकार के पब्लिसिटी स्टंट को लेकर कोई कानूनी कदम नहीं उठाया जाता। क्या पूनम पांडे का यह जागरूकता स्टंट सरकार द्वारा की गई इस घोषणा से बढ़कर है कि वह सर्वाइकल कैंसर के लिए टीकाकरण अभियान चलाएगी? क्या कई डॉक्टर्स द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों से बढकर यह स्टंट था? यदि नहीं तो क्या पूनम पांडे को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के छोड़ दिया जाना चाहिए?
हालांकि उन पर कदम तभी उठाया जाना चाहिए था, जब उन्होंने वर्ष 2011 में क्रिकेट विश्व कप के दौरान यह दावा किया था कि विश्व कप जीतने पर वह न्यूड होंगी और इसके बाद भी कई अनाप-शनाप बातों के चलते वह चर्चा में रही थीं। दरअसल, पूनम पांडे को चर्चा ही चाहिए होती है, परंतु मौत को लेकर इस प्रकार के स्टंट नहीं होने चाहिए और अगर ऐसा कोई करता है, तो इस पर कड़े से कड़ा कदम उठाया जाना चाहिए। इसमें कोई भी रियायत नहीं होनी चाहिए।
(लेखिका सामाजिक कार्यकर्ता हैं और महिला केंद्रित कानूनों के खिलाफ खुलकर बोलती और लिखती हैं)
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