Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीWest Bengal Junior Doctors End Hunger Strike After Meeting with CM Mamata Banerjee

आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन 16 दिन बाद खत्म

नोटःः यह खबर दोबारा अपडेट हुई है। कोलकाता, एजेंसी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 21 Oct 2024 11:36 PM
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कोलकाता, एजेंसी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बैठक के कुछ घंटों बाद आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार देर रात 16 दिन बाद अपना आमरण अनशन खत्म कर दिया। डॉक्टरों ने मंगलवार को राज्य के अस्पतालों में प्रस्तावित अपनी हड़ताल भी वापस ले ली। जूनियर डॉक्टरों में से एक देबाशीष हलदर ने कहा कि सोमवार को बैठक (मुख्यमंत्री के साथ) में हमें कुछ निर्देशों का आश्वासन मिला, लेकिन राज्य सरकार का अंदाज सकारात्मक नहीं था। उन्होंने कहा कि आम लोगों ने पूरे दिल से हमारा समर्थन किया। वे और हमारी मृतक बहन (आरजी कर अस्पताल की पीड़िता) के माता-पिता हमारे बिगड़ते स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए भूख हड़ताल वापस लेने का अनुरोध कर रहे हैं। इसलिए हम अपना आमरण अनशन और मंगलवार को स्वास्थ्य क्षेत्र में की गई पूर्ण बंदी वापस ले रहे हैं।

राज्य सचिवालय में दो घंटे बैठकः

इससे पूर्व, सोमवार शाम ममता और प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों के बीच राज्य सचिवालय नबन्ना में करीब दो घंटे बैठक हुई। बैठक के दौरान चिकित्सकों की विभिन्न मांगों पर चर्चा हुई। ममता ने जूनियर डॉक्टरों से बार-बार अनशन खत्म करने का आग्रह किया। इस बैठक का सीधा प्रसारण किया गया। ममता ने कहा कि डॉक्टरों की अधिकांश मांगों पर विचार हो चुका है। हालांकि, उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को हटाने की मांग को खारिज कर दिया।

मुख्यमंत्री ने निलंबल पर सवाल उठाएः

मुख्यमंत्री ने पूछा कि आरजी कर अस्पताल में कई जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रों को उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन किए बिना निलंबित कर दिया गया। इन छात्रों या रेजिडेंट डॉक्टरों को सिर्फ शिकायतों के आधार पर कैसे निलंबित किया जा सकता है? कॉलेज प्रशासन को राज्य सरकार को सूचित किए बिना ऐसा कदम उठाने का अधिकार किसने दिया? क्या यह धमकाने की संस्कृति नहीं है?

मेडिकल कॉलेज परिसर का माहौल खराब हुआः

आंदोलनकारी डॉक्टर अनिकेत महतो ने ममता का प्रतिवाद करते हुए कहा कि जिन लोगों को निलंबित किया गया, वे धमकाने की संस्कृति का हिस्सा रहे और डॉक्टर होने के लायक नहीं हैं। महतो ने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो राज्य सरकार उनके प्रदर्शन का आकलन कर सकती है और फिर फैसला ले सकती है। छात्र होने की आड़ में इन गुंडों ने मेडिकल कॉलेज परिसर का माहौल खराब कर दिया। अगर आप उनकी उत्तर पुस्तिकाएं दोबारा जांचेंगे, तो पाएंगे कि ये छात्र उत्तीर्ण होने के भी लायक नहीं हैं।

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