रेजिडेंट डॉक्टर बोले, जांच और न्याय प्रक्रिया में तेजी लाई जाए
- पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट और देश भर के आरडीए संगठन प्रतिनिधियों ने संयुक्त प्रेसवार्ता की
नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। कोलकाता में महिला डॉक्टर से बर्बरता के बाद हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों और देशभर के विभिन्न आरडीए संगठनों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को पांच मांगें उठाई। दिल्ली के प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में डॉक्टरों ने सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट से जांच और न्याय प्रक्रिया में तेजी लाकर अपराधियों को जल्द से जल्द दंडित किए जाने की मांग की। इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट के सदस्यों ने कहा कि घटना के दिन साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर अपराधियों को बचाने की कोशिश की गई। एसआईटी की ओर से अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कई सवाल उठाए गए, जिनमें सीबीआई को संपूर्ण सीसीटीवी फुटेज नहीं दिया जाना, शव का अंतिम संस्कार जल्दी करा देना, मजिस्ट्रेट की कार्रवाई के बाद चालान के रूप में लिखित प्रमाण नहीं दिए जाने और 14 घंटे बाद एफआईआर दर्ज किया जाना शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कोलकाता के एक डीसीपी की ओर से शोकाकुल परिवार को रुपयों की पेशकश की गई। पुलिस की मौजूदगी में उसी विभाग में तीन दिन के भीतर संदिग्ध मरम्मत कार्य शुरू हो गया। इसके आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए थे। इन प्रश्नों से घटना के दिन अस्पताल प्रशासन और पुलिस की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। इसके बावजूद कई अधिकारियों पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है।
डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि जांच प्रक्रिया में कई ऐसे नाम सामने आए हैं, जिनमें कथित रूप से राजनीतिक संरक्षण प्राप्त डॉक्टर और आम लोग शामिल हैं। इन लोगों को पश्चिम बंगाल के सभी मेडिकल कॉलेजों में बिना किसी प्रतिबंध के प्रवेश प्राप्त करने का अधिकार है। इन पर मेडिकल परीक्षाओं में कदाचार के आरोप भी है।
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ये पांच मांगें उठाई
1. यह मामला अब राज्य सरकार के पास नहीं है। हम सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट से मांग करते हैं कि अपराधियों को बिना किसी देरी के दंडित किया जाए।
2. पश्चिम बंगाल के डीएचएस और स्वास्थ्य सचिव को हटाया जाए। अपराध स्थल के आसपास निर्माण कार्य कराए जाने के आदेश पर उनके हस्ताक्षर हैं।
3. प्रशासनिक अक्षमता और सुबूत नष्ट करने के लिए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटाया जाए। रुपयों की पेशकश के लिए डीसीपी नार्थ और एक संदिग्ध की पहचान छिपाने के लिए डीसीपी सेंट्रल के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
4. डॉक्टरों व नर्सों की सुरक्षा के लिए बुनियादी सुविधाएं, पर्याप्त सुरक्षा कर्मी, सीसीटीवी, अलग ड्यूटी रूम, पैनिक बटन लगाए जाएं। आंतरिक शिकायत कमेटी बनाई जानी चाहिए।
5. सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में प्रचलित धमकी कल्चर को समाप्त किया जाए। मेडिकल कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव आयोजित कराएं।
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