पश्चिम बंगाल : लड़कियों से अपराध में छह लोगों को मौत की सजा
पश्चिम बंगाल की अदालतों ने पिछले छह महीनों में नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म और हत्या के मामलों में छह दोषियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। कुल मिलाकर, राज्य में मृत्युदंड पाने वालों की संख्या सात हो...
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कोलकाता, एजेंसी। पश्चिम बंगाल की विभिन्न अदालतों ने नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म और हत्या के मामले में बीते छह महीने में छह दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। इसके अलावा, अपने परिवार के सदस्यों की हत्या करने के दोषी व्यक्ति को भी मृत्युदंड की सजा सुनाई गई। इससे राज्य में पिछले छह महीने में मृत्युदंड की सजा पाने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है।
मृत्युदंड के इन सात में से छह मामलों को लड़कियों से दुष्कर्म और हत्या के ‘दुर्लभ मामलों की श्रेणी में शामिल किया गया था। इनमें आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता और बाद में भारतीय न्याय संहिता तथा यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, इस सूची में आरजी कर अस्पताल दुष्कर्म और हत्या मामले के दोषी संजय रॉय का नाम शामिल नहीं है, क्योंकि कोलकाता की एक अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
पश्चिम बंगाल में आखिरी न्यायिक फांसी दो दशक पहले हुई थी। दक्षिण कोलकाता के एक आवासीय इमारत के सुरक्षा गार्ड धनंजय चटर्जी को 16 वर्षीय छात्रा से बलात्कार और हत्या के मामले में अलीपुर जेल में वर्ष 2004 में 15 अगस्त से ठीक पहले फांसी दी गई थी। इस अपराध को मार्च 1990 में अंजाम दिया गया था।
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