ममता अचानक धरनास्थल पहुंचीं, चिकित्सकों से काम पर लौटने का आग्रह किया
शब्द : 706 - डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई न करने का आश्वासन भी दिया
शब्द : 706 - डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई न करने का आश्वासन भी दिया
- प्रदर्शनकारी बोले- मांगें पूरी हों, कोई समझौता नहीं करेंगे
कोलकाता, एजेंसी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आरजी कर अस्पताल मामले में जारी गतिरोध के बीच शनिवार को अचानक जूनियर चिकित्सकों के धरनास्थल पहुंचीं। ममता ने डॉक्टरों की मांगों पर गौर करने तथा दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।
साल्ट लेक में स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शनकारी चिकित्सकों को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि वह उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगी क्योंकि वह लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने में विश्वास नहीं रखतीं। उन्होंने कहा, बंगाल उत्तर प्रदेश नहीं है। हालांकि, मुख्यमंत्री के जाने के बाद आंदोलनकारी चिकित्सकों ने कहा कि वे बातचीत होने तक अपनी मांगों को लेकर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं।
मुख्यमंत्री नहीं, दीदी के तौर पर मिलने आई हूं :
बनर्जी पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार के साथ अचानक दोपहर करीब एक बजे सेक्टर पांच स्थित धरनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने कहा कि चिकित्सक बारिश के बीच सड़क पर धरना दे रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें रातों को नींद नहीं आ रही है। ममता ने यह भी कहा कि मैं आपसे मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि आपकी 'दीदी' के तौर पर मिलने आई हूं। मुख्यमंत्री ने कहा, मैं आपको आश्वासन देती हूं कि आपकी मांगों पर गौर करूंगी और अगर कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई करूंगी।
संकट सुलझाने का अंतिम प्रयास :
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भी की कि सभी सरकारी अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। उन्होंने कहा, संकट को सुलझाने का यह मेरा आखिरी प्रयास है। मंगलवार से ही चिकित्सक राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन के बाहर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मांगों में सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था कायम करना और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में शीर्ष अधिकारियों को हटाना शामिल है।
बता दें कि जूनियर चिकित्सक एक महीने से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है। सरकार ने दावा किया है कि विरोध प्रदर्शन के कारण कथित तौर पर इलाज न होने से 29 लोगों की मौत हो गई है।
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अस्पताल के आस-पास लागू निषेधाज्ञा 30 सितंबर तक बढ़ाई
पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के बावजूद जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को स्वास्थ्य भवन के सामने धरना जारी रखा। अस्पताल के आसपास लागू निषेधाज्ञा की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। निषेधाज्ञा पहली बार 18 अगस्त को लागू की गई थी। इन आदेशों के तहत निर्दिष्ट क्षेत्र में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है। एक अधिसूचना में कहा गया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (2) के तहत जारी निषेधाज्ञा आरजी कर अस्पताल की ओर जाने वाली सड़कों के अलावा श्यामबाजार में भी लागू रहेगी। इसमें कहा गया कि लाठियां, खतरनाक एवं घातक हथियार ले जाना प्रतिबंधित है और शांति एवं सौहार्द्र भंग करने का कोई भी प्रयास किए जाने पर मुकदमा चलाया जा सकता है। उच्चतम न्यायालय ने अस्पताल की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल को सौंपा है।
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माकपा नेता समेत दो लोग प्रदर्शनकारी हमले की साजिश में गिरफ्तार
कोलकाता, एजेंसी।
माकपा नेता कलातन दासगुप्ता समेत दो लोगों को प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों पर हमला करने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने एक फोन कॉल की ऑडियो क्लिप जारी की थी, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया।
घोष ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों पर हमला करने की साजिश रची जा रही है। पुलिस ने शुक्रवार को जारी ऑडियो क्लिप के संबंध में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दूसरे व्यक्ति की पहचान संजीव दास के रूप में हुई है। पुलिस उपायुक्त अनीश सरकार ने बताया कि यह साजिश संभवतः उस दिन रची गई, जिस दिन जूनियर चिकित्सक राज्य सचिवालय नबान्न गए थे। उधर, माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने दावा किया कि विरोध प्रदर्शनों से ध्यान हटाने के लिए ये गिरफ्तारियां की गईं। उन्होंने मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की।
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