खेल : भारोत्तोलन - मीराबाई चानू की नजर पेरिस में ऐतिहासिक पदक पर
भारोत्तोलन मीराबाई चानू की नजर पेरिस में ऐतिहासिक पदक पर 49 किग्रा भार
भारोत्तोलन मीराबाई चानू की नजर पेरिस में ऐतिहासिक पदक पर
49 किग्रा भार वर्ग में चुनौती पेश करेंगी मीराबाई
202 किग्रा वजन उठाकर टोक्यो में जीता था रजत
पेरिस, एजेंसी। टोक्यो ओलंपिक में रजत जीत कर्णम मल्लेश्वरी से आगे निकलने वाली मीराबाई चानू बुधवार को पेरिस ओलंपिक खेलों में पोडियम पर पहुंच दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली भारोत्तोलक बनने का प्रयास करेंगी। गुरुवार को 30 साल की होने वाली मीराबाई 49 किग्रा भार वर्ग में चुनौती पेश करेंगी।
चोटों से परेशान रहीं : मीराबाई ने पिछले ओलंपिक खेलों के पहले दिन ही पदक जीत भारत का खाता खोला था और काफी सुर्खियां बटोरी थीं। लेकिन उसके बाद वह चोटों से परेशान रहीं जिसके कारण पेरिस ओलंपिक के लिए अच्छी तरह से तैयारी नहीं कर पाईं। मीराबाई की नजर जहां अपने प्रतिद्वंद्वियों के प्रदर्शन पर होगी, वहीं उन्हें खुद को मिलने वाली चुनौती से भी पार पाना होगा।
टोक्यो ओलंपिक के बाद उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन राष्ट्रमंडल खेल 2022 में रहा जहां उन्होंने 201 किग्रा (88 किग्रा, 113 किग्रा) उठाया। उन्होंने टोक्यो में 202 किग्रा (87 किग्रा और , 115 किग्रा) वजन उठाकर रजत जीता था।
आसान नहीं राह : उत्तर कोरिया की एशियाई खेलों की चैंपियन और विश्व रिकॉर्डधारी री सोंग गम की अनुपस्थिति के बावजूद प्रतिस्पर्धा काफी कड़ी है और पिछले एक महीने से पेरिस में तैयारी कर रही मीराबाई को किसी भी तरह की गलती करने से बचना होगा। अगर वह अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को दोहराने में सफल रहीं तो रजत या कांस्य जीत सकती हैं। इस वजन वर्ग में चीन की मौजूदा ओलंपिक चैंपियन होउ झिहुई फिर स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार हैं।
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