संसद में गतिरोध पर आत्मचिंतन करें जनप्रतिनिधि : धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र में कहा कि राज्यसभा में कार्यवाही बाधित करना लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। उन्होंने सांसदों को उनके कर्तव्यों का पालन करने और राष्ट्र की...
- राज्यसभा के सभापति ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया ईटानगर, एजेंसी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राज्यसभा के पदेन सभापति ने संसद के उच्च सदन में सदस्यों द्वारा कार्यवाही बाधित करने की शनिवार को आलोचना की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की जननी में इस तरह का तमाशा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। संसद में जारी गतिरोध पर जनप्रतिनिधियों को आत्मचिंतन करना चाहिए। संविधान की प्रस्तावना के अनुरूप उन्हें अपने कर्तव्यों का शत-प्रतिशत पालन करना चाहिए।
धनखड़ ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, मैं अपनी गहरी पीड़ा व्यक्त करता हूं, भारतीय संविधान को अपनाने के 75वें साल में प्रवेश करते हुए हम राज्यसभा में एक पल के लिए भी काम नहीं कर सके, मेरा सिर शर्म से झुक गया है। हम उस देश में इस तरह का तमाशा बर्दाश्त नहीं कर सकते जो लोकतंत्र की जननी है, सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हम संविधान की भावना के खिलाफ कैसे जा सकते हैं? हम अपने दायित्वों से कैसे पीछे हट सकते हैं? उप राष्ट्रपति ने कहा, मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आपकी विधानसभा इससे अलग है। यह एक शानदार उदाहरण है, आशा की किरण है। धनखड़ ने कहा कि राजनीतिक दलों को यह समझना होगा कि अंततः सभी का हित राष्ट्र की समृद्धि में निहित है। उन्होंने कहा, हम किसी भी स्थिति में किसी भी हित को अपने राष्ट्रीय हित से ऊपर नहीं रख सकते।
मालूम हो कि संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में गत तीन बैठकों की तरह, शुक्रवार को भी निर्धारित कार्य नहीं हो सका। विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनटों में स्थगित कर दी गई। विपक्षी सांसद अदाणी समूह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों, यूपी के संभल में हिंसा और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग कर रहे थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।