यूपीआई में ठगी गई रकम कई योजनाओं से भी अधिक
शोल्डर --- पिछले डेढ़ साल के दौरान साइबर जालसाजों ने आम लोगों को 1500 करोड़
नई दिल्ली, एजेंसी। देश में यूपीआई धोखाधड़ी के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे आम लोगों को तगड़ी चपत भी लगी है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में यूपीआई ठगी में लोगों ने 1,087 करोड़ गंवाए थे। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष (2024-25) में सितंबर तक 485 करोड़ का नुकसान उठा चुके हैं। यानी बीते डेढ़ साल में साइबर जालसाजों ने यूपीआई धोखाधड़ी के जरिए करीब 1500 करोड़ रुपये ठग लिए हैं। यह रकम कई सरकारी योजनाओं से भी ज्यादा है। वित्त मंत्रालय द्वारा संसद को दिए जवाब में इन आंकड़ों का खुलासा हुआ है। इनके अनुसार, वित्त वर्ष 23 के बाद से लेकर अभी तक यूपीआई में जालसाजी से संबंधित कुल 27 लाख मामले दर्ज किए गए हैं और इसमें कुल 2,145 करोड़ रुपये गंवाए गए हैं। वित्त वर्ष 2024 के दौरान धोखाधड़ी के आंकड़ों में 85% तक का उछाल दर्ज किया गया।
तेजी से लेनदेन भी बढ़ा
ठगी के बढ़ते मामलों के बावजूद यूपीआई लेनदेन में साल-दर-साल 57 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2023 में कुल यूपीआई लेनदेन 8,371 करोड़ थे, जो 2024 में बढ़कर 13,113 करोड़ हो गए। मौजूदा वित्त वर्ष में यह आंकड़ा अब तक 8,566 करोड़ तक पहुंच गया है।
यूपीआई ठगी के आंकड़े
वित्त वर्ष मामले ठगी (करोड़ रुपये में)
2022-23 7.25 लाख 573
2023-24 13.42 लाख 1087
2024-25 6.32 लाख 485
एक हजार करोड़ के मायने
यह रकम सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं के बजट के लगभग बराबर है जैसे राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन, राष्ट्रीय ग्राम स्वजराज अभियान वगैरह।
ठगी की रकम के बराबर कई सरकारी योजनाओं का बजट
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम - 1050 करोड़ रुपये
राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन - 1150
अदालतों में ढांचागत सुविधाओं के निर्माण के लिए - 1000 करोड़
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान - 1064
नई आईआईटी उन्नयन योजना - 1000
खादी ग्रामोद्योग विकास योजना - 1037
कैसे रहें सुरक्षित
-- किसी ईमेल, लिंक, वेबसाइट या फिर फोन कॉल पर आपको थोड़ा भी संदेह हो तो उससे बिल्कुल दूर रहें।
-- किसी भी स्कीम के तहत आने वाले यूपीआई लिंक को क्लिक न करें, नकली पॉप अप पर भी बरतें सावधानी।
-- अगर पेमेंट करते भी हैं तो इसके लिए क्यूआर कोड को स्कैन करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह सही है भी या नहीं।
-- पेमेंट करते समय आईडी कार्ड और ट्रांसएक्शन के स्क्रीनशॉट की कर लें जांच, हो सकते हैं नकली।
यहां कर सकते हैं शिकायत
यूपीआई पर वित्तीय धोखाधड़ी सहित सभी साइबर धोखाधड़ी के पीड़ित, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) और नेशनल साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
सरकार की तैयारी
भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्रीय भुगतान धोखाधड़ी सूचना रजिस्ट्री (सीपीएफआईआर) लागू की है। इसे एडवांस एआई टूल का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसके अलावा आरबीआई ने दोहरा सत्यापन और रोजाना लेनदेन की सीमा भी निर्धारित की है।
इन राज्यों में सबसे ज्यादा ठगी
तमिलनाडु 663 करोड़ रुपये
महाराष्ट्र 391 करोड़ रुपये
कर्नाटक 243 करोड़ रुपये
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