शिक्षकों, शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति-पदोन्नति के लिए नया मसौदा जारी
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यूजीसी विनियम, 2025 का मसौदा जारी किया है। यह मसौदा उच्च शिक्षा में सुधार, समावेशिता और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देगा। मसौदा सार्वजनिक डोमेन में सुझावों...
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को यूजीसी (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति और पदोन्नति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए उपाय) विनियम, 2025 का मसौदा जारी किया। उन्होंने यूजीसी के नए सभागार पुष्पगिरी का भी उद्घाटन किया।
इस अवसर पर सुनील कुमार बरनवाल, अतिरिक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय, प्रो. एम. जगदीश कुमार, अध्यक्ष, यूजीसी, संस्थानों के प्रमुख, शिक्षाविद्, मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे। धर्मेंद्र प्रधान ने इस मौके पर कहा, ये मसौदा उच्च शिक्षा के हर पहलू में सुधार, नवाचार, समावेशिता, लचीलापन और गतिशीलता लाएंगे। शैक्षणिक मानकों को मजबूत करेंगे और शैक्षिक उत्कृष्टता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि मसौदा विनियम, 2025 को फीडबैक, सुझाव और परामर्श के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यूजीसी जल्द ही मसौदा विनियम, 2025 को अपने अंतिम रूप में प्रकाशित करेगा। नया मसौदा विश्वविद्यालयों को अपने संस्थानों में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति और पदोन्नति में लचीलापन देगा।
विनियम की मुख्य विशेषताएं
1. लचीलापन : उम्मीदवार उन विषयों में शिक्षण करियर बना सकते हैं, जिनके लिए वे नेट/सेट के साथ अर्हता प्राप्त करते हैं। पीएचडी विशेषज्ञता को प्राथमिकता दी जाएगी। मसौदा विनियम शैक्षणिक प्रकाशनों और डिग्री कार्यक्रमों में भारतीय भाषाओं के उपयोग को प्रोत्साहित करते हैं।
2. समग्र मूल्यांकन : इसका उद्देश्य उल्लेखनीय योगदान सहित योग्यताओं की व्यापक श्रेणी पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्कोर-आधारित शॉर्ट-लिस्टिंग को खत्म करना है।
3. विविध प्रतिभा पूल : नया मसौदा कला, खेल और पारंपरिक विषयों के विशेषज्ञों के लिए समर्पित भर्ती का रास्ता बनाता है। •
4. समावेशिता : विकलांग खिलाड़ियों सहित निपुण खिलाड़ियों को शिक्षण पेशे में प्रवेश के अवसर प्रदान करता है। पात्रता मानदंड के साथ कुलपतियों के लिए चयन प्रक्रिया को संशोधित करता है।
5. सरलीकृत पदोन्नति प्रक्रिया : शिक्षण, अनुसंधान आउटपुट और अकादमिक योगदान पर जोर देते हुए पदोन्नति के मानदंडों को सुव्यवस्थित करता है।
6. व्यावसायिक विकास पर ध्यान : संकाय विकास कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षकों के लिए निरंतर सीखने और कौशल वृद्धि को प्रोत्साहित करता है।
7. पारदर्शिता और जवाबदेही : यह मसौदा भर्ती, पदोन्नति और शिकायतों के समाधान के लिए पारदर्शी प्रक्रियाओं को बढ़ावा देता है।
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