आज वित्त मंत्री दे सकती हैं मध्यम वर्ग को बड़ी राहत
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज वित्तीय वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करेंगी। सरकार मध्यम वर्ग पर करों का बोझ कम कर सकती है। इसके साथ ही रोजगार और कारोबार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों...
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (शनिवार) को आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 का आम बजट संसद में पेश करेंगी। देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बजट के जरिए बड़ी घोषणाएं किए जाने की संभावना है। मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर करों का बोझ कम किया जा सकता है, जिसके लिए पुरानी और नई आयकर व्यवस्था के तहत करदाताओं को अधिक छूट दिए जाने की संभावना है। उम्मीद है कि सरकार नई आयकर व्यवस्था के तहत कर दरों में बदलाव के साथ ही कर दर में भी परिवर्तन का ऐलान कर सकती है। करों का बोझ कम हो सकता है
सरकार करों के बोझ कम कर सकती, जिससे कि बाजार में मांग बढ़े और उपभोग में तेजी आए। बजट से पूर्व चर्चा में उद्योग जगत से जुड़े प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने भी बाजार में मांग पैदा करने के लिए लोगों की बचत बढ़ाने पर जोर दिया था। खास तौर पर 20 लाख तक की सालाना आए वर्ग में आने वाले लोगों पर आयकर की सीमा को घटाया जाना चाहिए। इससे लोगों की जेब में अधिक बचत होगी तो वो अपनी जरूरतों पर अधिक पैसा खर्च करेंगे, जिससे तमाम क्षेत्रों में मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी। हालांकि जानकार कहते हैं कि सरकार पुरानी कर व्यवस्था की जगह नई कर व्यवस्था को ज्यादा आकर्षक बनाने पर जोर देगी क्योंकि सरकार चाहती है कि लोग नई कर व्यवस्था को अपनाएं। फिर भी संभावना है कि सरकार पुरानी आयकर व्यवस्था के तहत 80सी के तहत मिलने वाली डेढ़ लाख की छूट सीमा को बढ़ाकर दो या ढाई लाख कर सकती है।
रोजगार और कारोबार पर अधिक ध्यान
सरकार संगठित और असंगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ाना चाहती है। इसके लिए सरकार ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, कृषि, उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए बजट बढ़ाने के साथ ही नई योजनाओं की घोषणा कर सकती है। देश में औद्योगिक गति को बढ़ावा देने के लिए बड़े परियोजनाओं के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को अधिक वित्तीय सहयोग दिए जाने का ऐलान हो सकता है। मौजूदा समय में देश की जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 17 फीसदी है, जिसे सरकार बढ़ाकर 25 फीसदी पर ले जाना चाहती है। विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ने का मतलब है कि इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी तेजी से पैदा होंगे। इसके साथ ही कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने पर भी बजट केंद्रित हो सकता है।-
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पूंजीगत लाभ कर में भी बदलाव संभव
वित्तीय वर्ष 2024-25 के आम बजट में सरकार ने लघु और दीर्घ अवधि पूंजीगत लाभ पर लगने वाले कर में इजाफा किया गया। लघु अवधि पूंजीगत लाभ पर कर को 15 से 20 फीसदी कर दिया था। वहीं, दीर्घ अवधि पूंजीगत लाभ कर पहले 10 फीसदी कर लगता था, लेकिन इसे बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया था। अब मांग की जा रही है कि दोनों तरह के पूंजीगत लाभ करों में कमी होनी चाहिए, जिसमें बदलाव होने की संभावना है।
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मौजूदा नई आयकर व्यवस्था और संभावित बदलाव
वार्षिक आय वर्तमान दर संभावित दर
0 से 3 लाख 00 00
3 से 7 लाख 05 00
7 से 10 लाख 10 05
10 से 12 लाख 15 10
12 से 15 लाख 20 15
15 लाख से ऊपर 30 20
20 लाख से ऊपर 30 30
(नोट : सरकार सालाना सात लाख तक की आय पर कर को शून्य कर सकती है या फिर मानक कौटती को 75 हजार रुपये से बढ़ाकर एक या डेढ़ लाख भी कर सकती है)
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महिलाओं को लेकर घोषणाएं संभव
शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं मां लक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्ग पर समुदाय पर विशेष कृपा हो। इसके साथ ही उन्होंने उन्होंने नारी शक्ति और समग्र विकास पर जोर दिया, जिससे ऐसे में साफ है कि सरकार मध्यम वर्ग और महिलाओं के हित में बड़ी घोषणाएं कर सकती है। महिला सम्मान बचत योजना 31 मार्च 2025 तक लागू है। संभावना है कि सरकार योजना की अवधि को आगे बढ़ाने का ऐलान करे, जिससे अधिक महिलाएं योजना का लाभ उठा सकें। महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अलग से कोई विशेष योजना ला सकती है, जिससे उन्हें सस्ती दरों पर आसानी से ऋण मिल सके।
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