सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाई जा रही : कीर स्टार्मर
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने एलन मस्क द्वारा सरकार पर किए गए हमलों का जवाब दिया। उन्होंने मस्क का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर झूठ फैला रहे हैं। बाल यौन शोषण के मामलों में...
लंदन, एजेंसी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने एलन मस्क द्वारा सरकार पर किए गए हमलो का सोमवार को जवाब दिया। उन्होंने मस्क का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर झूठ फैला रहे हैं। स्टार्मर ने अपने सुरक्षा मंत्री जेस फिलिप्स का बचाव किया। उन्होंने विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी पर निशाना साधा कि वह सरकार में रहते हुए पीड़ितों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने में विफल रही। मस्क के ऑनलाइन हमलों के बारे में स्टारमर ने कहा कि बाल यौन शोषण पूरी तरह से घृणित है और कई वर्षों से कई पीड़ितों को सामुदायिक संबंधों के बारे में विकृत विचार पूरी तरह से निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि जो लोग झूठ और गलत सूचना को फैला रहे हैं, उन्हें पीड़ितों में कोई दिलचस्पी नहीं है। जेस फिलिप्स पर हमला करने वाले पीड़ितों की रक्षा नहीं कर रहे हैं।
मस्क ने की थी आलोचना
हाल ही में चाइल्ड ग्रूमिंग गैंग्स मामले में एलन मस्क ने लेबर पार्टी की सरकार पर ब्रिटिश पीएम के साथ-साथ लेबर सरकार को घेरा था। मस्क आरोप लगाया कि पीएम के रूप में भी स्टार्मर पर्दा डाल रहे हैं। उन्होंने ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स से भी स्टार्मर को बर्खास्त करने की अपील की। इस बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मस्क ने स्टार्मर को जेल भेजने की भी मांग की।
पीड़िताओं ने खुद पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग का खुलासा किया
साल 2022 में कुछ पीड़िताओं ने सामने आने की हिम्मत दिखाई और अपने साथ हुए अत्याचारों के बारे में बताया। इसके बाद एक कमेटी का गठन किया गया। कमेटी ने पाया कि 1997 से 2013 के बीच 1400 से ज्यादा लड़कियों का यौन शोषण किया गया। आरोपियों में सबसे ज्यादा पाकिस्तानी मूल के लोग थे। ज्यादातर लड़कियों को एक संगठित गैंग ने बहला-फुसलाकर शिकार बनाया और उनकी तस्करी कर दी गई थी। अपराध की इन घटनाओं को रॉदरहैम स्कैंडल नाम दिया गया। बाद में इसे पाकिस्तानी ग्रूमिंग रेप गैंग भी कहा गया।
जेस फिलिप्स ने जांच कराने से इनकार किया
यह मामला अक्टूबर में सुर्खियों में आया था। इंग्लैंड के ओल्डम काउंसिल ने सरकार से बच्चों के कथित तौर पर हो रहे यौन शोषण की जांच कराने की मांग की गई थी। लेकिन लेबर सरकार में मंत्री जेस फिलिप्स ने उनकी मांग को ठुकरा दिया था। इससे ब्रिटिश सियासत गरमा गई। स्टार्मर पर पाकिस्तानी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगने लगे।
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