त्रिपुरा में 500 उग्रवादियों ने सीएम के सामने हथियार डाले
शब्द:::200 - 250 करोड़ का पैकेज पुनर्वास के लिए मिला है
शब्द:::200 - 250 करोड़ का पैकेज पुनर्वास के लिए मिला है
- राज्य उग्रवाद मुक्त घोषित किया गया
अगरतला, एजेंसी।
प्रतिबंधित समूहों नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) से जुड़े करीब 500 उग्रवादियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री माणिक साहा के सामने हथियार डाल दिए। इस दौरान उग्रवादियों ने भारी संख्या में अत्याधुनिक हथियार जमा कराए।
सिपाहिजाला जिले के जम्पुइजाला में एक समारोह में उग्रवादियों का मुख्यधारा में स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री साहा ने कहा कि उग्रवाद किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने सामूहिक आत्मसमर्पण के बाद पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा को पूरी तरह से उग्रवाद मुक्त घोषित किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस आत्मसमर्पण के बाद आने वाले दिनों ने शेष कैडर भी हथियार डाल देगा। गत चार सितंबर को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में केंद्र और राज्य सरकार के साथ समझौते के बाद उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। 1990 के दशक के अंत से दो दशकों तक इन दोनों समूहों ने राज्य में भारी तबाही मचाई थी। इसके चलते हजारों लोग, खासकर गैर-आदिवासी विस्थापित हुए। केंद्र ने आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों के पुनर्वास के लिए 250 करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की है।
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