व्हॉट्सएप, सिग्नल और टेलीग्राम को लाइसेंस के तहत लाया जाए
दूरसंचार परिचालकों ने ट्राई को सुझाया है कि व्हॉट्सएप, सिग्नल और टेलीग्राम जैसे ओटीटी ऐप्स को नए दूरसंचार अधिनियम के तहत लाइसेंसिंग व्यवस्था में लाया जाए। उनका कहना है कि इन ऐप्स को दूरसंचार सेवाओं के...
नई दिल्ली, एजेंसी। व्हॉट्सएप, सिग्नल और टेलीग्राम जैसे 'ओवर-द-टॉप' ऐप को नए दूरसंचार अधिनियम के तहत लाइसेंसिंग व्यवस्था के दायरे में लाना चाहिए। दूरसंचार परिचालकों ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को दिए अपने ताजा सुझावों में सर्वसम्मति से यह मांग की है। रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और उद्योग निकाय सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने ट्राई के एक परामर्श पत्र पर अपनी टिप्पणियों में यह बात कही। ट्राई ने दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत दी जाने वाली सेवाओं की रूपरेखा पर विचार मांगने के लिए यह परामर्श पत्र जारी किया था।
दूरसंचार परिचालकों ने कहा कि कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप को प्राधिकरण के जरिये दी जाने वाली सेवाओं के तहत लाया जाना चाहिए। सीओएआई ने कहा, हमारी समझ के अनुसार, ओटीटी संचार सेवाएं एक पहुंच सेवा के रूप में नए दूरसंचार अधिनियम के तहत आती हैं। रिलायंस जियो ने कहा कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत 'संदेश' और 'दूरसंचार सेवा' की परिभाषा में सभी प्रकार की दूरसंचार सेवाएं शामिल हैं, जिसमें सार्वजनिक इंटरनेट में होस्ट किए गए मंच, सर्वर या स्विच का उपयोग करके दी जाने वाली संचार सेवाएं शामिल हैं।
भारती एयरटेल ने कहा कि दूरसंचार अधिनियम में 'दूरसंचार' की एक व्यापक परिभाषा है, जिसमें 'दूरसंचार के जरिये भेजा गया कोई भी संकेत, लेखन, पाठ, छवि, ध्वनि, वीडियो, डेटा स्ट्रीम, आसूचना या सूचना' शामिल है। वोडाफोन आइडिया ने कहा कि ओटीटी सेवाओं की वैश्विक स्तर पर तेजी से वृद्धि हुई है और उन्हें नियामकीय ढांचे के तहत लाने की जरूरत है।
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