नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में शिक्षक को दस साल का कारावास
नई दिल्ली में साकेत जिला अदालत ने 2016 में 16 वर्षीय छात्रा से दुष्कर्म के लिए एक शिक्षक को दस साल की कठोर सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि दोषी को नरमी का कोई हक नहीं है क्योंकि उसने पीड़िता के...

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। साकेत जिला अदालत ने साल 2016 में 16 वर्षीय नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के लिए एक शिक्षक को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनु अग्रवाल की अदालत ने उस व्यक्ति के खिलाफ सजा पर दलीलें सुनीं। अदालत ने कहा कि समग्र तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर, दोषी को पाक्सो अधिनियम की धारा छह के तहत दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई जाती है। -------
शिक्षक ने तोड़ा माता-पिता का भरोसा
अतिरिक्त सरकारी वकील अरुण केवी ने कहा कि शिक्षक होने के कारण दोषी को किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं माना जा सकता। उसने नाबालिग पीड़िता के माता-पिता के भरोसे को तोड़ा, जिन्होंने लड़की को ट्यूशन के लिए उसके सेंटर में भेजा था। पीड़िता के वकील ने कड़ी सजा की मांग करते हुए कहा कि उसे मानसिक आघात पहुंचा है और वह अपराध के लिए खुद को दोषी मानती रही है।
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दोषी की याचिका को किया खारिज
अदालत ने इस आधार पर दोषी की नरमी की याचिका को खारिज कर दिया कि वह अपने परिवार के लिए कमाता था और कड़ी सजा से उसका भविष्य खराब हो जाएगा। व्यक्ति को आपराधिक धमकी के लिए एक साल जेल की सजा भी सुनाई गई। अदालत ने सभी सजा को एक साथ चलाने का आदेश दिया। अदालत ने पीड़िता को मुआवजे के तौर पर साढ़े दस लाख रुपये भी दिए।
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