बैंकों में उच्च ब्याज देने वाली सावधि जमा में बढ़ा निवेश
2022 में 7 से 8 प्रतिशत रिटर्न देने वाली एफडी में जमा की हिस्सेदारी 2.8 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर 2024 में 64.9 प्रतिशत हो गई है। शेयर बाजार की गिरावट के कारण लोग सुरक्षित निवेश के लिए एफडी में पैसा लगा...

-सात से आठ प्रतिशत का रिटर्न देने वाली एफडी में वर्ष 2022 में कुल जमा की हिस्सेदारी थी महज 2.8 प्रतिशत अब बढ़कर हुई 64.9 प्रतिशत नई दिल्ली। विशेष संवाददाता
निवेश के मोर्चे पर शेयर बाजार में बीते आठ से 10 महीनों के दौरान भारी गिरावट और मौजूदा दौर में उतार चढ़ाव का दौर बना हुआ है। ऐसी स्थिति में बैंकों में सावधि जमा (एफडी) के प्रति लोगों का सुझान बढ़ रहा है। शेयर बाजार में घाटा खाए लोग अब एफडी में पैसा लगा रहे हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि लगातार उच्च ब्याज देने वाली एफडी में निवेश बढ़ रहा है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा जारी मासिक रिपोर्ट से पता चलता है कि मार्च 2022 में बैंकों से जुड़ी जमा में 7 से आठ फीसदी का रिटर्न देने एफडी में महज 2.8 प्रतिशत धनराशि जमा थी जो दिसंबर 2024 में बढ़कर 64.9 प्रतिशत हो गई है। जबकि इस अवधि में पांच प्रतिशत से कम का रिटर्न देने वाली एफडी में जमा धनराशि का प्रतिशत कम हुआ है जो मार्च 2022 में 34.2 प्रतिशत से गिरकर दिसंबर 2024 में 2.9 प्रतिशत हो गया है। इतना ही नहीं आठ फीसदी से अधिक का रिटर्न देने वाली एफडी की हिस्सेदारी भी इस अवधि में 1.7 प्रतिशत से बढ़कर 5.9 प्रतिशत तक पहुंच गई है। ऐसे में बैंकों के लिए भी जमा धनराशि की दिक्कत खत्म हो गई है। जबकि बीते वर्ष जून-जुलाई तक बैंकों के सामने जमा धनराशि का संकट था, जिसको लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बैंकों को आगाह किया था कि वह अपने ग्राहकों के लिए आकर्षक एफडी लाएं और उन्हें पैसा जमा करने के लिए प्रोत्साहित करें, जिसके बाद बैंकों ने विशेष अभियान भी चलाया था।
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बैंकों की एफडी सुरक्षित निवेश
वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर और बैंकिंग विशेषज्ञ अशवनी राणा कहते हैं कि बैंकों मे उच्च ब्याज दर पर रिटर्न देने वाली एफडी में निवेश बढ़ने के पीछे कई कारण है। नंबर एक बीते करीब 10 महीनों से शेयर बाजार में उथल-पुथल का दौर है। काफी लोगों को भारी नुकसान हुआ है। शेयर बाजार गिरने पर लोगों ने अपने निवेश को वहां से हटाकर सुरक्षित जगहों पर लगाया है। दूसरा बैंकों ने बीते एक वर्ष में उच्च ब्याज देने वाली अपनी एफडी में कोई बदलाव नहीं किया है। उल्टे काफी बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की। अब बैंकों की एफडी में पैसा लगाने को सुरक्षित माना जाता है, जिस कारण से लोगों ने बैंक में उन एफडी में पैसा लगाया, जिनमें अच्छा रिटर्न मिलता है।
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बैंकों की सावधि जमाओं का ब्याज दर वार हिस्सेदार
वर्ष पांच प्रतिशत से कम 5-6 प्रतिशत 6-7 प्रतिशत 7-8 प्रतिशत आठ से अधिक (प्रतिशत)
मार्च 2022 34.3 51.4 9.9 2.8 1.7
मार्च 2023 7.0 31.9 27.5 30.3 3.4
मार्च 2024 5.5 8.1 22.2 58.9 5.5
दिसंबर 2024 2.9 5.5 20.8 64.9 5.9
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लोन लेने की हिस्सेदारी में इजाफा
आंकड़े बताते हैं कि सालाना ऋण लेने की दर में इजाफा हो रहा है। अर्थव्यवस्था के लिहाज से ऋण लेने की दर में वृद्धि को काफी हद तक सही माना जाता है। खास तौर पर कुछ क्षेत्रों में ऋण लेने की गति में वृद्धि को अर्थव्यवस्था के लिहाज से सकारात्मक माना जाता है। वार्षिक आधार पर कृषि, उद्योग और आवास ऋण में वृद्धि देखने को मिली है।
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प्रमुख क्षेत्रों में वार्षिक आधार पर बैंक ऋण में वृद्धि
क्षेत्र ऋण वृद्धि प्रतिशत में
कृषि 10.7
उद्योग 8.1
आवास 12.0
व्यक्तिगत ऋण 15.6
कुल ऋण वृद्धि 11.8
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