डॉक्टर की फर्जी डिग्री बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़
गुजरात पुलिस ने सूरत में फर्जी डॉक्टरों के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। 10 फर्जी डॉक्टरों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने 1,500 लोगों को बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो-होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी...
- सूरत में 10 फर्जी डॉक्टर समेत 13 गिरफ्तार - 1,500 लोगों को बेचे प्रमाण-पत्र, कई मात्र 10वीं पास
सूरत, एजेंसी। गुजरात पुलिस ने सूरत में डॉक्टरों की फर्जी डिग्री बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मामले में 10 फर्जी डॉक्टरों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो-होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी (बीईएमएस) की 1,500 लोगों को फर्जी डिग्री बेचने के आरोप हैं।
पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि आरोपियों के क्लीनिक से एलोपैथिक और होम्योपैथिक दवाएं, इंजेक्शन, सिरप की बोतलें और प्रमाण पत्र बरामद किए गए हैं। पकड़े गए तीन आरोपी 70 हजार रुपये में फर्जी बीईएमएस डिग्री बेच रहे थे। उनकी पहचान सूरत निवासी रसेश गुजराती, अहमदाबाद के बीके रावत और उनके सहयोगी इरफान सैयद के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गुजराती और रावत 'बोर्ड ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिसिन, अहमदाबाद' की आड़ में रैकेट चला रहे थे। दोनों ने करीब 1,500 लोगों को ऐसे प्रमाण-पत्र बेचे हैं। इनमें से कुछ तो केवल 10वीं पास हैं। गुजराती ने 2002 में गोपीपुरा इलाके में एक कॉलेज शुरू किया था और इलेक्ट्रो होम्योपैथी में तीन साल का कोर्स कराया था। हालांकि, उसे नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि उसे कोर्स के लिए छात्र नहीं मिले। इसके बाद वह रावत के संपर्क में आया और दोनों ने डिग्री बेचना शुरू कर दिया।
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