अदालत से::::: अलग-अलग आरोपियों के लिए मानदंड नहीं बदल सकते : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में एक आपराधिक मामले में जमानत देते हुए कहा कि राज्य सरकार अलग-अलग आरोपियों के लिए अलग मानदंड लागू नहीं कर सकती। न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया कि वह अन्य सह-आरोपियों...
- बंगाल सरकार के फैसले पर उठाए सवाल नई दिल्ली, एजेंसी
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल में दर्ज एक आपराधिक मामले में एक व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि राज्य सरकार को अलग-अलग आरोपियों के लिए अलग-अलग मानदंड लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में चार अन्य सह-आरोपियों को अग्रिम जमानत देने के आदेश को चुनौती नहीं दी, जबकि न्यायालय ने इस संबंध में सुझाव दिया था। दूसरी ओर, सरकार इसी मामले में एक आरोपी की जमानत याचिका का विरोध कर रही है, जो करीब एक साल और दो माह से जेल में बंद है। पीठ ने कहा कि मामले में 19 सितंबर को पारित आदेश में उसने कहा था कि एनडीपीएस अधिनियम से जुड़े मामलों में अग्रिम जमानत गंभीर मुद्दा है। सरकार को यह विचार करने का निर्देश भी दिया था कि क्या वह अन्य चार सह-आरोपियों को दी गई जमानत रद्द करने के लिए आवेदन दायर करने की मंशा रखती है। बुधवार को बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। वहीं, उन्होंने मामले में गिरफ्तार व्यक्ति की जमानत का विरोध किया। इस पर पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि चीजें स्पष्ट हैं, यह सब मिलीभगत से हो रहा था। इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
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