Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीSupreme Court Grants Exemption to Delhi Forest Department Officials in Tree Cutting Case

पेड़ों की अवैध कटाई मामले में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के प्रमुख सचिव को सुप्रीम कोर्ट में पेशी से मिली छूट

नई दिल्ली में रिज क्षेत्र में अवैध पेड़ कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के प्रमुख सचिव और निजी ठेकेदारों को पेश होने से छूट दी है। यह आदेश सुनवाई के दौरान दिया...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 24 Sep 2024 07:09 PM
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नई दिल्ली। विशेष संवाददाता राजधानी दिल्ली के रिज क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पेड़ों की अवैध कटाई से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रमुख सचिव और निजी ठेकेदारों को निजी रूप से पेश होने से छूट दे दी है। शीर्ष अदालत ने प्रमुख सचिव और ठेकेदारों की ओर से पेशी से छूट देने की मांग को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है। इस मामले की सुनवाई बुधवार को होना है।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने दक्षिणी रिज के सतबारी क्षेत्र में पेड़ों की कथित कटाई को लेकर डीडीए और अन्य के खिलाफ अवमानना ​​मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। इससे पहले, पीठ को बताया कि अधिकारी और निजी ठेकेदार ने पहले के निर्देश के अनुसरण में अदालत में मौजूद हैं। मंत्रालय की ओर से पेश अधिवक्ता ने प्रमुख सचिव को बुधवार को होने वाली सुनवाई के दौरान निजी रूप से पेश होने की छूट देने की मांग की। निजी ठेकेदारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम लाड दास ने पीठ को बताया कि उनके मुवक्किलों ने जारी किए गए कारण बताओ नोटिस पर अपने जवाब भी दाखिल कर दिए हैं और बुधवार को होने वाली सुनवाई पर उन्हें निजी रूप से पेश होने से छूट दी जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट रोक लगाए जाने के बाद भी दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर डीडीए के उपाध्यक्ष और अन्य के खिलाफ अवमानना ​​का मामले की सुनवाई कर रही है। इससे पहले, इस मामले की सुनवाई जस्टिस अभय एस. ओका और उज्जल भुइयां की पीठ कर रही थी। न्यायमूर्ति ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने छतरपुर से दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय तक सड़क बनाने के लिए दक्षिणी रिज के सतबारी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के लिए डीडीए उपाध्यक्ष के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​नोटिस जारी किया था। साथ ही डीडीए द्वारा दायर भ्रामक हलफनामे और अदालत में गलत तथ्य पेश करने पर नाराजगी जताई थी। जस्टिस बीआर गवई, प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन की एक अन्य पीठ ने दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर विभिन्न पीठों के समक्ष लंबित दो अलग-अलग अवमानना ​​कार्यवाही का संज्ञान लिया। हालांकि एक ही मुद्दे पर दो अलग-अलग पीठ द्वारा संज्ञान लेकर सुनवाई किए जाने के बाद इस मामले को मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष भेज दिया गया।

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