स्टारलिंक इसी महीने शुरू कर सकती परीक्षण सेवा
स्टारलिंक जल्द ही भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं शुरू करने जा रहा है। कंपनी ट्रायल इस महीने के अंत तक शुरू कर सकती है और चार महीने में नियमित सेवाएं शुरू कर सकती है। सरकार ने आवश्यक...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। स्टारलिंक जल्द ही भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस महीने के अंत तक कंपनी ट्रायल शुरू कर देगी जबकि तीन से चार महीने के अंदर कंपनी अपनी नियमित सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को शुरू कर सकती है। माना जा रहा है कि सरकार की तरफ से लेटर ऑफ इंडेंट जारी किए जाने के बाद अब कंपनी सैटेलाइट इंटरनेट से जुड़ी शर्तों को जल्द पूरा करेगी। उसके बाद दूरसंचार विभाग की तरफ से लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा। लंबे समय से स्टारलिंक भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की कोशिशों में लगी है, लेकिन सरकार का स्पष्ट रुख रहा है कि अगर कंपनी को यहां पर अपनी सेवाओं को शुरू करना है तो भारत में सर्वर लगाना होगा।
सुरक्षा एजेंसियों के निर्देश पर संबंधित नंबर से जुड़ी जानकारी और उसे ब्लॉक करने जैसी सुविधाएं प्रदान करनी होंगी। सीमा से जुड़े क्षेत्रों को लेकर भी कुछ शर्तें थीं, जिन पर स्टारलिंक लंबी वार्ता के बाद सहमत हुई तो सरकार ने सोमवार को सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा से जुड़ी सेवा शर्तों को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश भी जारी किए। इन्हें मानने के लिए स्टारलिंक पूरी तरह से तैयार हुई तो एलओआई जारी किया गया। अब जल्द ही कंपनी को अपनी तरफ कुछ औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। उसके बाद कंपनी को लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके बाद कंपनी भारत में बुकिंग ले सकती है। लाइसेंस के साथ ट्रायल स्पैक्ट्रम भी दिया जाएगा, जिसके आधार पर स्टारलिंक भारत में अपनी सेवाओं का परीक्षण कर सकेगी। उसके बाद कंपनी को स्पैक्ट्रम आवंटित किया जाएगा, जिसके आधार पर कंपनी भारत में अपनी सेवाएं शुरू कर सकेगी। संभावना जताई जा रही है कि चार महीने के अंदर अपनी सेवा शुरू कर देगी। ------------ दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट सेवा पहुंचाने में मिलेगी मदद स्टारलिंक ने भारत में रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ समझौता किया है। इन कंपनियों के माध्यम से स्टारलिंक की सेवाएं स्टोर और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लोगों को मिल सकेंगी। साथ ही, उन क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंचाने में मदद मिलेगी, जहां केबल के जरिए इंटरनेट नहीं पहुंच पाता। भारत सरकार ने अमेरिका से व्यापारिक रिश्तों को बढ़ावा देने के नजरिए से भी स्टारलिंक को मंजूरी दी है। इससे भारत को तकनीकी और आर्थिक रूप से फायदा मिलेगा। भारत में लॉन्च के बाद स्टारलिंक यूजर्स को 50 एमबीपीएस से 250 एमबीपीएस के बीच डाउनलोड स्पीड मिल सकती है। जबकि अपलोड स्पीड 10 से 40 एमबीपीएस तक मिल सकती है।
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