एनईपी और त्रिभाषा फॉर्मूले पर बढ़ा विवाद
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर छात्रों के हितों के बारे में सोचना चाहिए। स्टालिन ने पीएम...
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या, राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठ छात्र हित की सोचें स्टालिन: प्रधान
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- शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पत्र लिख तमिलनाडु सीएम पर साधा निशाना
- स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर जताई थी आपत्ति
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन और त्रिभाषा फॉर्मूले पर जारी विवाद के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री प्रधान ने स्टालिन पर ‘राजनीतिक एजेंडे के तहत प्रगतिशील सुधारों को खतरे में डालने का आरोप लगाया है।
धर्मेंद्र प्रधान ने स्टालिन को लिखे पत्र में कहा है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर छात्र हितों के बारे में सोचना चाहिए। मालूम हो कि एक दिन पहले स्टालिन ने मोदी को इस बाबत पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र प्रायोजित दो पहलों समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए ) और पीएम श्री स्कूल को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) से जोड़ना मौलिक रूप से अस्वीकार्य है। उन्होंने फंडिंग रोकने का आरोप भी केंद्र पर लगाते हुए इससे शैक्षणिक गतिविधियों और वेतन आदि पर असर की संभावना जताई थी। शिक्षा मंत्री ने स्टालिन के पत्र का जवाब देते हुए लिखा है कि किसी भाषा को थोपा नहीं जा रहा है।
प्रधान ने कहा, प्रधानमंत्री को भेजा गया पत्र मोदी सरकार द्वारा अपनाई जा रही सहकारी संघवाद की भावना के विपरीत है। उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि राज्य के लिए एनईपी 2020 को अदूरदर्शी दृष्टि से देखना और अपने राजनीतिक एजेंडे को बनाए रखने के लिए प्रगतिशील शैक्षिक सुधारों को खतरे में डालना अनुचित है।
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केंद्र और तमिलनाडु सरकार आमने-सामने
तमिलनाडु और केंद्र सरकार राज्य में नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन को लेकर आमने-सामने हैं। डीएमके सरकार ने शिक्षा मंत्रालय पर महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए धन रोकने का आरोप लगाया है। जबकि केंद्र राज्य के इन आरोपों को गलत बताते हुए एनईपी और त्रिभाषा फॉर्मूले को छात्रों के लिए उपयोगी और उन्हें ज्यादा विकल्प मुहैया कराने वाला बता रहा है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा, तमिलनाडु राजनीतिक कारणों से एनईपी 2020 का लगातार विरोध कर रहा है। ऐसा कर वहां के छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों को इस नीति से मिलने वाले अपार अवसरों और संसाधनों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने लिखा, शिक्षा नीति को लचीला बनाया गया है, जिससे राज्यों को अपनी विशिष्ट शैक्षिक आवश्यकताओं के अनुरूप इसके कार्यान्वयन को अनुकूलित करने की अनुमति मिलती है।
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