एसएससी की परीक्षाओं में लागू होगा आधार सत्यापन
--परीक्षा प्रक्रियाओं को आसान बनाना है मकसद --अगले महीने मई से इसे लागू करने

नई दिल्ली, एजेंसी। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने स्वैच्छिक आधार पर उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए अपनी सभी परीक्षाओं में आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन लागू करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि इसे मई से आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं में लागू किया जाएगा। एसएससी केंद्र सरकार की सबसे बड़ी भर्ती एजेंसियों में से एक है। इसका मुख्य कार्य विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में गैर-राजपत्रित पदों के लिए चयन करना है।
अधिकारियों ने कहा कि अभ्यर्थी मई 2025 से ऑनलाइन पंजीकरण, ऑनलाइन आवेदन तथा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र पर उपस्थित होते समय आधार का उपयोग करके स्वयं को प्रमाणित कर सकेंगे। एसएससी ने कहा कि आधार प्रमाणीकरण स्वैच्छिक है तथा इसका उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया में आसानी को बढ़ावा देना है।
परीक्षाओं में धोखाधड़ी रोकने की पहल
अधिकारियों ने कहा कि आधार आधारित सत्यापन यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि सरकारी नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थी अपनी पहचान को गलत न बनाएं या आयोग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में बैठने के लिए अन्य धोखाधड़ी वाले साधनों का उपयोग न करें।
पिछले साल मिली थी अनुमति
पिछले साल 12 सितंबर को जारी एक अधिसूचना में केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने कहा था कि एसएससी को स्वैच्छिक आधार पर आधार प्रमाणीकरण करने की अनुमति है। आयोग तीन सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (सीजीएलई) और सात अनिवार्य अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करता है।
यूपीएससी में पहले से है लागू
कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल 28 अगस्त को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आधार-आधारित प्रमाणीकरण को मंजूरी देने के लिए अधिसूचना जारी की थी, जो किसी भी भर्ती एजेंसी के लिए पहली बार थी। एसएससी और यूपीएससी द्वारा देशभर में आयोजित सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं।
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