कोलंबो बंदरगाह परियोजना में अदाणी समूह के फंडिंग से समस्या नहीं: श्रीलंका
श्रीलंका के बंदरगाह मंत्री विमल रत्नायका ने कहा है कि कोलंबो बंदरगाह पर गहरे पानी के कंटेनर टर्मिनल परियोजना को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। अदाणी समूह अपनी आंतरिक संसाधनों से इस परियोजना को...
कोलंबो, एजेंसी। श्रीलंका के बंदरगाह मंत्री विमल रत्नायका ने कहा कि सरकार चाहती है कि कोलंबो बंदरगाह पर गहरे पानी के कंटेनर टर्मिनल परियोजना आगे बढ़े। इसे अदाणी के नेतृत्व वाले समूह द्वारा अपने संसाधनों से वित्तपोषित करने में कोई समस्या नहीं है। अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड ने मंगलवार को शेयर बाजार को बताया कि परियोजना अगले साल की शुरुआत में चालू होने को तैयार है। कंपनी ने साथ ही कहा कि वह अपनी पूंजी प्रबंधन रणनीति के साथ आंतरिक स्रोतों से इस परियोजना को वित्तपोषित करेगी। इसके बाद गुरुवार को बंदरगाह के दौरे के दौरान रत्नायका ने संवाददाताओं से कहा, बंदरगाह को राजस्व मिले, यह एक अहम परियोजना है, हम इसे आगे बढ़ते देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अदाणी समूह के अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्त निगम (डीएफसी) से वित्तपोषण अस्वीकार करने का फैसला उसका अपना था। श्रीलंका को इससे कोई समस्या नहीं है। पिछले वर्ष नवंबर में डीएफसी ने श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (सीडब्ल्यूआईटी) नामक गहरे पानी के कंटेनर टर्मिनल के विकास, निर्माण और संचालन के लिए 55.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर का ऋण देने पर सहमति जताई थी। सीडब्ल्यूआईटी का विकास अदाणी पोर्ट्स, श्रीलंकाई समूह जॉन कील्स होल्डिंग्स पीएलसी और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी (एसएलपीए) द्वारा किया जा रहा है।
अदाणी और एसएलपीए के बीच हुए समझौते को डीएफसी की शर्तों के अनुसार संशोधित नहीं करने पर ऋण प्रक्रिया रुक गई। चूंकि परियोजना पूरी होने के करीब है, इसलिए अदाणी पोर्ट्स ने डीएफसी से फंडिंग के बिना परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
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