Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsSpectrum Allocation Controversy Jyotiraditya Scindia vs Jairam Ramesh Over 2G Scam Connection

सिंधिया और रमेश सैटकॉम स्पेक्ट्रम आवंटन को 2जी से जोड़ने पर भिड़े

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बीच सैटेलाइट कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन पर बहस हुई। सिंधिया ने यूपीए सरकार के 2जी घोटाले का जिक्र करते हुए मौजूदा एनडीए सरकार...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 17 Dec 2024 11:03 PM
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नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस नेता जयराम रमेश सैटेलाइट कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन प्रक्रिया को यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान के 2जी मामले से जोड़ने पर भिड़ गए। सैटेलाइट कंपनियों के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन प्रक्रिया को मौजूदा एनडीए सरकार ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी है। सिंधिया ने कहा कि देश 2जी घोटाले को नहीं भूल सकता, जो देश के इतिहास पर एक धब्बा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, यह एक ऐसा घोटाला था, जिससे न केवल सरकारी खजाने को 1,76,645 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ, बल्कि सरकार-कॉरपोरेट गठजोड़ को उसका सबसे बुरा नाम भी मिला, जिसे साठगांठ वाला पूंजीवाद कहा जाता है। दूरसंचार मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में स्पेक्ट्रम आवंटन पहले आओ, पहले पाओ की पारदर्शिता-रहित नीति से किया गया, जिसके चलते घोटाले हुए और राजस्व का नुकसान हुआ। सिंधिया एक्स पर रमेश की पोस्ट का जवाब दे रहे थे, जिसमें मौजूदा सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी की प्रक्रिया को यूपीए शासन के दौरान प्रशासनिक स्पेक्ट्रम आवंटन प्रक्रिया से जोड़ा गया था।

रमेश ने कहा कि सरकार ने रिकॉर्ड पर कहा है कि प्रशासनिक रूप से आवंटित स्पेक्ट्रम भी शुल्क युक्त हैं और यह राजस्व में योगदान देता है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति प्रधानमंत्री द्वारा कई वर्षों से जोर-शोर से की जा रही घोषणा के विपरीत है। मालूम हो कि रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियां सैटकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम के प्रशासनित आवंटन का विरोध कर रही हैं। वहीं, एलन मस्क की अगुवाई वाली स्टारलिंक भारत में इस तरह की सेवाएं शुरू करने की दौड़ में है।

सिंधिया कह चुके हैं कि तकनीकी और परिचालन संबंधी मुद्दों की वजह से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं हो सकती है। मंत्री ने कई मौकों पर कहा है कि इस स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन भी भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा सुझाए गए मूल्य पर किया जाएगा।

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