Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीSonia Gandhi Criticizes Government for Using Machine-Made Polyester Flags

सोनिया गांधी का तिरंगे के लिए पॉलिएस्टर के बजाय खादी के इस्तेमाल पर जोर

कांग्रेस की सोनिया गांधी ने मशीन-निर्मित पॉलिएस्टर झंडों के इस्तेमाल के लिए मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने खादी को राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बताया और इसके इस्तेमाल का आह्वान किया। सोनिया ने कहा कि...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 20 Aug 2024 09:07 PM
share Share

- मशीन-निर्मित पॉलिएस्टर झंडों के इस्तेमाल पर सरकार की आलोचना की नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने मशीन-निर्मित पॉलिएस्टर झंडों के इस्तेमाल के लिए मंगलवार को मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने तिरंगे के एकमात्र कपड़े के रूप में खादी को अपनाए जाने का आह्वान किया।

सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि खादी को राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में उसका उचित स्थान मिलना चाहिए। उन्होंने एक अंग्रेजी दैनिक में लिखे एक लेख में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस से पहले के सप्ताह में हर घर तिरंगा अभियान के लिए नए सिरे से आह्वान किया जाना राष्ट्रीय ध्वज और देश के लिए इसके महत्व पर सामूहिक रूप से आत्मावलोकन करने का अवसर देता है। सोनिया गांधी ने कहा कि उनका (मोदी का) राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान व्यक्त करना और एक ऐसे संगठन के प्रति निष्ठा रखना नैतिक रूप से दोहरापन है, जो इस ध्वज के प्रति उदासीन रहा है। उन्होंने कहा कि मशीन-निर्मित पॉलिएस्टर के झंडों को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है, जिसमें कच्चा माल अक्सर चीन से आयात किया जाता है।

सोनिया ने इस बात का उल्लेख किया कि भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार, ऐतिहासिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज को हाथ से काते गए और हाथ से बुने गए ऊन/कपास/रेशम/ खादी के टुकड़े से बनाया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि खादी एक मोटा, लेकिन मजबूत कपड़ा है जिसे महात्मा गांधी ने राष्ट्रीय आंदोलन के नेतृत्व में खुद काता और बुना था। इसका हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्मृति में एक विशेष अर्थ है। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख ने कहा, खादी हमारे गौरवशाली अतीत का प्रतीक है। यह भारतीय आधुनिकता और आर्थिक जीवन शक्ति का प्रतीक भी है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अपने लेख में कहा कि सरकार बाजार को विनियमित करने में विफल रही है और अर्ध-मशीनीकृत चरखों से काती गई खादी को पारंपरिक हाथ से काती गई खादी के टैग के तहत धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, यह हमारे खादी कातने वालों के लिए नुकसानदेह है, जिनकी कड़ी मेहनत के बावजूद मजदूरी प्रतिदिन 200-250 रुपये से अधिक नहीं है।

-

पॉलिएस्टर झंडे को कर से छूट, खादी पर टैक्स

सोनिया गांधी ने कहा, 2022 में हमारी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर, सरकार ने मशीन निर्मित पॉलिएस्टर बंटिंग को शामिल करने के लिए ध्वज संहिता में संशोधन किया। साथ ही पॉलिएस्टर के झंडे को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट दी गई है। खादी के झंडे को कर के दायरे में रखा गया है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें