महाराष्ट्र में जीत की जमीन शिवप्रकाश ने तैयार की
महाराष्ट्र में भाजपा की जीत में शिवप्रकाश की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने संगठन को मजबूत करने के लिए पूरे सूबे का दौरा किया और चुनावों के लिए रणनीति तैयार की। संघ और भाजपा के बीच समन्वय में भी उनका...
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भाजपा की जीत की जमीन तैयार करने में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री और महाराष्ट्र प्रभारी शिवप्रकाश की बड़ी भूमिका रही। भाजपा ने महाराष्ट्र में पार्टी को मजबूत करने के लिए मुंबई को उनका केंद्र बनाया था। शिवप्रकाश ने लगातार पूरे सूबे का दौरा कर संगठन को मजूबत किया और विधानसभा चुनावों के लिए मजबूत रणनीति तैयार की। महाराष्ट्र में बड़े नेताओं के बीच समन्वय में भी उनकी बड़ी भूमिका रही। पर्दे के पीछे रहकर वह भाजपा की चुनावी रणनीति बनाने में जुटे रहे। संघ के प्रचारक रहे शिवप्रकाश को भाजपा आलाकमान ने मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बहुत पहले प्रभारी बना दिया था। इसके साथ छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश में भी वह प्रभारी हैं। मूल रूप से यूपी के मुरादाबाद के रहने वाले शिवप्रकाश ने मध्य प्रदेश में सियासी जीत मिलने के बाद महाराष्ट्र में डेरा डाल दिया था। वह लगातार महाराष्ट्र में भाजपा की रणनीति बनाने में जुटे रहे। माइक्रो और बूथ मैनेजमेंट को लेकर वह तैयारी करते रहे। महाराष्ट्र में गठबंधन की सियायत के बीच कार्यकर्ताओं के उत्साह को बढाने में जुटे रहे। मध्य प्रदेश की जीत के बाद महाराष्ट्र भी जीतकर शिवप्रकाश का कद भाजपा की सियासत में बढ़ गया है।
संघ और भाजपा के बीच समन्वय
शिवप्रकाश भाजपा में आने से पहले संघ के क्षेत्र प्रचारक रहे हैं। ऐसे में महाराष्ट्र चुनाव में संघ और भाजपा के बीच समन्वय में उनकी बड़ी भूमिका रही। महाराष्ट्र चुनावों की जीत में संघ एक बड़ा फैक्टर रहा है। शिवप्रकाश के रहने से यह समन्वय आसान हुआ। वे भाजपा के आला नेतृत्व के साथ-साथ संघ पदाधिकारियों के लगातार संपर्क में रहे और इसका लाभ चुनाव में हुआ।
मध्य प्रदेश के अनुभवों का लाभ मिला
शिवप्रकाश के पास मध्य प्रदेश के प्रभारी का भी काम है। मध्य प्रदेश चुनावों के प्रमुख रणनीतिकारों में वे शामिल रहे हैं। महाराष्ट्र की जीत की एक बड़ी वजह लाडली बहना योजना को माना जा रहा है। मध्य प्रदेश की तर्ज पर इस योजना को महाराष्ट्र में भी लागू किया गया। इसके साथ साथ मध्य प्रदेश के नेताओं को बड़ी संख्या में महाराष्ट्र में लगाया गया। इससे महाराष्ट्र में भाजपा महिलाओं के बीच अपनी योजना को ले जाने में सफल रही और इसका लाभ चुनाव परिणामों को नजर आ रहा है।
रूठों को मनाने में योगदान रहा
टिकट वितरण के बाद भाजपा में कई जगहों पर असंतोष दिखाई दिया। शिवप्रकाश लगातार पर्दे के पीछे इस असंतोष को दूर करने में जुटे रहे। वह रूटों को मनाते रहे। छोटी छोटी बैठक और व्यक्तिगत मुलाकातों के जरिए उन्होंने बड़े स्तर पर असंतोष को दूर किया। संगठन से जुड़े सभी लोगों को चुनाव में लगाया। बूथ मैनेजमेंट से लेकर प्रचार के आधुनिक साधनों को भाजपा ने महाराष्ट्र में आजमाया और चुनाव दंगल में विपक्ष को चित कर दिया।
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