Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsSEBI Sets Deadline for NFO Investments Enhances Transparency for Mutual Funds

सेबी ने एनएफओ राशि के निवेश की समयसीमा तय की

सेबी ने नई कोष पेशकश (एनएफओ) के तहत जुटाई गई राशि के निवेश के लिए समयसीमा तय की है। एएमसी कर्मचारियों के हितों को यूनिटधारकों के हितों से जोड़ने के लिए नियामकीय ढांचे को उदार किया गया है। निवेशकों को...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 19 Dec 2024 05:38 PM
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नई दिल्ली, एजेंसी। सेबी ने परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों द्वारा नई कोष पेशकश यानी एनएफओ के जरिये जुटाई गई राशि के निवेश के लिए समयसीमा तय करने का फैसला किया है। उसके साथ ही एएमसी कर्मचारियों के हितों को यूनिटधारकों के हितों के साथ जोड़ने के संबंध में नियामकीय ढांचे को उदार करने का निर्णय लिया है। बाजार नियामक ने इसके अलावा निवेशकों को अधिक पारदर्शिता प्रदान करने के लिए सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए दबाव परीक्षण का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया है। सेबी के निदेशक मंडल की बुधवार की बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनका मकसद म्यूचुअल फंड के परिचालन में जुझारूपन लाना और निवेशकों के बीच अधिक जवाबदेही तथा भरोसा सुनिश्चित करना है। समयसीमा के संबंध में सेबी ने कहा कि कोष प्रबंधकों को एनएफओ से एकत्रित धन को योजना के निर्दिष्ट परिसंपत्ति आवंटन के तहत 30 दिन के भीतर निवेश करना होगा।

इसके अतिरिक्त, सेबी ने कहा कि अब इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों के निवेश पर 'लॉक-इन' अवधि कम कर दी जाएगी। नियामक ने समिति को नामित कर्मचारियों द्वारा अनुपालन की निगरानी करने का अधिकार दिया है।

सेबी ने कहा कि 'स्विच' लेनदेन (एक म्यूचुअल फंड से दूसरे में राशि स्थानांतरित करना) के लिए एनएफओ में संभावित गलत बिक्री के मुद्दे को हल करने के लिए वितरक 'स्विच' लेनदेन की दो योजनाओं के तहत दिए जाने वाले दो 'कमीशन' में से कम 'कमीशन' के पात्र होंगे। इसके तहत नियामक ने नामित कर्मचारियों के लिए आवश्यक न्यूनतम निवेश राशि को कम करने, अनुपालन से संबंधित खुलासा के अवधि कम करने, नकदी कोष का प्रबंधन करने वाले कर्मचारियों के लिए आवश्यकताओं में ढील देने और विमोच्य (रिडेम्पशन) मानदंडों को सरल बनाने का निर्णय लिया है।

निवेशक बिना राशि चुकाए योजना से निकल सकेंगे

नियामक ने बयान में कहा, यदि निर्धारित समयसीमा के भीतर धनराशि का निवेश नहीं किया जाता है, तो निवेशकों के पास बिना कोई निकासी राशि चुकाए योजना से बाहर निकलने का विकल्प होगा। यह बदलाव एएमसी को एनएफओ के दौरान अतिरिक्त धनराशि एकत्र करने से हतोत्साहित करता है, क्योंकि निवेशक बाद में प्रचलित एनएवी पर ओपन-एंडेड योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। सेबी ने कहा, नए ढांचे का उद्देश्य एएमसी को एनएफओ में केवल उतना ही धन एकत्र करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जितना एक उचित समय अवधि (यानी सामान्यतः 30 दिन) में निवेश किया जा सके, क्योंकि ओपन-एंडेड फंड में निवेशकों के पास हमेशा बाद में प्रचलित एनएवी पर योजना में प्रवेश करने का विकल्प होता है।

भाषा निहारिका अजय

अजय

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