फंड हाउस योजनाओं के खर्च और रिटर्न का खुलासा करें
सेबी ने सभी म्यूचुअल फंड हाउस को छमाही रिपोर्टों में डायरेक्ट और रेग्युलर प्लान के खर्च और रिटर्न का खुलासा करने का आदेश दिया है। यह नया मानक 5 दिसंबर 2024 से लागू होगा। इससे निवेशकों को दोनों योजनाओं...
नई दिल्ली, एजेंसी। सेबी ने सभी म्यूचुअल फंड हाउस को अपनी छमाही रिपोर्टों में निवेश योजनाओं के डायरेक्ट और रेग्युलर प्लान में दिए जाने वाले खर्च और रिटर्न का भी खुलासा करने को कहा गया है। नए मानक पांच दिसंबर 2024 से प्रभावी होंगे। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने म्युचुअल फंडों के लिए अपने छमाही वित्तीय परिणामों में डायरेक्ट प्लान और रेग्युलर प्लान से संबंधित योजनाओं का अलग-अलग खुलासा करने का अनिवार्य नियम बनाया है। बाजार नियामक ने एक परिपत्र में कहा है, खुलासा योग्य व्यय में स्कीम के कुल व्यय के प्रकटीकरण के अलावा, डायरेक्ट और रेग्युलर प्लान के लिए कुल खर्च के लिए अलग-अलग जानकारी शामिल हो। फंड हाउसों से अपनी छमाही रिपोर्टों में एमएफ योजनाओं के डायरेक्ट और रेग्युलर प्लान, दोनों द्वारा दिए जाने वाले रिटर्न का भी खुलासा करने को कहा गया है।
सेबी ने भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) को छमाही वित्तीय विवरणों के लिए मानकीकृत खुलासे किए जाने का निर्देश दिया है। परिपत्र में कहा गया है, चूंकि डायरेक्ट योजना के निवेशकों से वितरण व्यय और कमीशन नहीं लिया जा सकता, इसलिए किसी भी योजना की डायरेक्ट योजना का व्यय अनुपात उसी योजना की रेग्युलर योजना की तुलना में कम होता है और इसलिए डायरेक्ट और रेग्युलर योजनाओं के रिटर्न भी अलग होते हैं।
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