Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsSEBI Approves Strict Regulatory Framework for SME IPOs to Boost Investor Confidence

सेबी ने एसएमई आईपीओ के नियम सख्त किए

नई दिल्ली, सेबी ने छोटी और मझोली कंपनियों (एसएमई) के आईपीओ के लिए सख्त नियामकीय रूपरेखा को मंजूरी दी। कंपनियों को पिछले तीन वित्त वर्षों में से दो में एक करोड़ रुपये का परिचालन लाभ दिखाना होगा। इसका...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 18 Dec 2024 11:09 PM
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नई दिल्ली, एजेंसी। पूंजी बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल ने छोटी एवं मझोली कंपनियों (एसएमई) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने से संबंधित प्रक्रिया को सशक्त करने के लिए बुधवार को एक सख्त नियामकीय रूपरेखा को मंजूरी दी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल की यहां हुई बैठक में यह फैसला किया गया। सेबी ने एक बयान में इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। बयान के मुताबिक, सेबी के निदेशक मंडल ने डिबेंचर ट्रस्टी, ईएसजी रेटिंग प्रदाताओं, इनविट्स, रीट्स और एसएम रीट्स के लिए कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए सुधारों को भी मंजूरी दी।

इसके अलावा नियामक ने निवेश बैंकिंग मानदंडों में आमूलचूल बदलाव करने का फैसला किया है। एसएमई इकाइयों की तरफ से लाए जाने वाले आईपीओ के संबंध में सेबी ने कहा कि निर्गम लाने की योजना बनाने वाली छोटी एवं मझोली कंपनियों को अपना दस्तावेजों का मसौदा (डीआरएचपी) दाखिल करते समय पिछले तीन में से दो वित्त वर्षों में कम से कम एक करोड़ रुपये का परिचालन लाभ (ब्याज, मूल्यह्रास और कर से पहले की कमाई यानी एबिटा) दिखाना होगा।

सेबी के निदेशक मंडल में स्वीकृत सुधारों का उद्देश्य एसएमई को एक अच्छा 'ट्रैक रिकॉर्ड' प्रदान करना और निवेशकों के हितों की रक्षा करते हुए जनता से धन जुटाने का अवसर प्रदान करना है। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने एक दिन पहले ही कहा था कि एसएमई की आईपीओ सूचीबद्धता के दौरान अधिक उत्साह, कीमतों में हेराफेरी या धोखाधड़ी वाले कारोबारी तौर-तरीकों को रोकने की जरूरत है।

भाटिया ने कहा था कि कुछ चिंताजनक पहलू सामने आने के बाद सेबी ने बीते दो वर्षों में एसएमई बोर्ड पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। इनमें ऐसी कंपनियां शामिल हैं जो तथ्यों को गलत ढंग से पेश करती हैं, जिससे खुदरा निवेशकों के लिए 'वास्तविक मूल्य और व्यवहार्यता' का आकलन कर पाना मुश्किल हो जाता है।

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