खेल : सैमसन ने अपना दावा और पुख्ता किया
संजू सैमसन ने बांग्लादेश के खिलाफ 40 गेंदों में शतक जड़कर टी-20 में यह उपलब्धि हासिल की। सैमसन ने कहा कि उन्होंने दबाव और असफलताओं से निपटना सीख लिया है। उनके प्रदर्शन पर पहले सवाल उठ रहे थे, लेकिन इस...
शोल्डर : बोले, मैंने दबाव और असफलताओं से निपटना सीख लिया है, टी-20 में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर हैं हैदराबाद, एजेंसी। संजू सैमसन ने ताबड़तोड़ शतकीय पारी खेलकर दिखा दिया है कि अभी उनमें दम है। बांग्लादेश के खिलाफ शनिवार को 40 गेंद में शतक जड़कर 29 साल के इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने फटाफट क्रिकेट के लिए टीम इंडिया में अपना दावा और पुख्ता कर लिया है। वह टी-20 में सैकड़ा जड़ने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बन गए हैं। उन्होंने मैच के बाद कहा कि मैंने दबाव और असफलताओं से निपटना सीख लिया है।
संजू श्रीलंका के खिलाफ दो मैच में खाता भी नहीं खोल पाए थे। वहीं बांग्लादेश के खिलाफ शुरुआती दो मैच में भी उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। इसके बाद टीम में उनके बने रहने को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए थे। पर एक तूफानी पारी ने इन सब पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा, श्रीलंका के खिलाफ नाकाम रहने के बाद मुझे अगली सीरीज में मौका मिलने को लेकर थोड़ा संदेह था। लेकिन उन्होंने (कोचिंग स्टाफ और कप्तान) मुझ पर भरोसा बनाई रखा। वे कहते रहे कि वे समर्थन करना जारी रखेंगे। मुझे लगता है कि एक भारतीय क्रिकेटर के रूप में मानसिक रूप से आप बहुत कुछ झेलते हैं, खासकर टी-20 में। लेकिन मैंने दबाव और असफलताओं से निपटना सीख लिया है। मुझे लगता है कि इसका काफी श्रेय ड्रेसिंग रूम, नेतृत्व समूह, कप्तान और कोच को जाना चाहिए जिन्होंने मेरा समर्थन करना जारी रखा।
ओपनिंग के लिए कोच ने बता दिया था : सैमसन ने कहा कि मुख्य कोच गौतम गंभीर ने उन्हें बांग्लादेश सीरीज के दौरान सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाने के टीम प्रबंधन के फैसले के बारे में पहले ही बता दिया था। उन्होंने कहा, मैं भाग्यशाली था कि गौतम भाई, सूर्यकुमार और अभिषेक नायर (सहायक कोच) ने तीन सप्ताह पहले ही मुझे सूचित कर दिया था कि बांग्लादेश के खिलाफ मैं पारी की शुरुआत करूंगा। इससे मुझे उचित तैयारी करने में मदद मिली। इसके बाद मैं राजस्थान रॉयल्स अकादमी में गया। मैंने वहां नई गेंद के गेंदबाजों के खिलाफ जमकर अभ्यास किया। इससे मुझे मदद मिली। मुझे लगता है कि मैं इस सीरीज में किसी भी अन्य सीरीज की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक तैयार होकर आया था।
किसी भी नंबर पर खेल सकता हूं : सैमसन ने कहा कि अपनी भूमिका को लेकर स्पष्टता से उन्हें अपने खेल को लेकर अधिक जागरूकता हासिल करने में मदद मिली। उन्होंने कहा, मैं अपने खेल को अच्छी तरह से समझता हूं कि मैं एक से लेकर छह नंबर तक किसी भी स्थान पर बल्लेबाजी कर सकता हूं। मेरे पास बड़े शॉट लगाने के लिए जरूरी ताकत है। मेरी टाइमिंग भी अच्छी है। इसलिए यह सब मेरी भूमिका के अनुसार तैयारी करने से जुड़ा हुआ है। जब आप असफलताओं का सामना करते हैं तो यह कहना आसान होता है कि अगले मैच में मैं रन बनाऊंगा। लेकिन मैं जानता हूं कि मैं किस तरह का व्यक्ति हूं। मुझे अपनी तरह से सफल या असफल होना पसंद है। यह सब खुद के प्रति ईमानदार होने से जुड़ा है।
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नंबर गेम
--5 या उससे अधिक छक्के एक ही ओवर में लगातार जड़ने वाले संजू दूसरे भारतीय हैं। युवी ने 2007 में छह जड़े थे
-500 रन भी संजू ने टी-20 में पूरे किए। वह 32 मैचों में 22.84 की औसत और 144.52 की स्ट्राइक रेट से 594 रन बना चुके हैं
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