ब्यूरो::: ड्रोन से लैस होंगे टी-90 टैंक, बढ़ेगी मारक क्षमता
रूसी कंपनी यूवीजेड ने अपने टी-72 और टी-90 टैंकों को एआई और ड्रोन तकनीक से अपग्रेड करने की प्रक्रिया शुरू की है। यह टैंक युद्ध के मैदान में बेहतर मारक क्षमता प्रदान करेंगे। भारत भी इस तकनीक का लाभ...

- रूसी कंपनी यूवीजेड ने शुरू किया काम, एआई तकनीक से होंगे सुसज्जित - भारत में टी-72, टी-90 श्रेणी के टैंकों को किया जाएगा अपग्रेड
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता।
रूस की मशहूर टैंक निर्माता कंपनी यूरालवगोंजावोड (यूवीजेड) ने अपने टैंकों को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करना शुरू कर दिया है। यह कंपनी अत्याधुनिक टी-90 टैंक भी बनाती हैं, जिनका इस्तेमाल भारत में भी हो रहा है। कंपनी इन टैंकों को अब ड्रोन क्षमता से भी लैस कर रही है। टैंकों में ड्रोन के उड़ान भरने और सीधे आंकड़े प्रेषित करने की तकनीक विकसित की गई है, जिसके जरिये युद्ध के मैदान में टैंकों की मारक क्षमता में इजाफा होगा।
सूत्रों के अनुसार, टी-90 समेत सभी प्रकार के टैंकों को कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) की तकनीकी से लैस किया जा रहा है तथा उनके ज्यादातर क्रियाकलाप को स्वचालित मॉड में लाया जा रहा है। इसका मतलब यह है कि जरूरत पड़ने पर बिना चालक दल यानी रिमोट कंट्रोल से भी इनका संचालन किया जा सकेगा। इसके पीछे मकसद भविष्य के युद्ध में टैंकों की भूमिका का विस्तार करना है।
भारत भी करेगा अपग्रेड
भारत इस कंपनी के सहयोग से टी-72 एवं टी-90 टैंकों का निर्माण करता है, जिन्हें अपग्रेड करने की प्रक्रिया चल रही है। भारत के पास दोनों श्रेणियों के पांच हजार से भी अधिक टैंक हैं। यह भारतीय भंडार में सबसे उन्नत टैंक, जिसे भारतीय कवच की रीढ़ माना जाता है। भारत भी इन टैंकों में विकसित होने वाली नई तकनीक को अपने टैंकों के लिए हासिल करेगा। सूत्रों के अनुसार, भारतीय एजेंसियां डीआरडीओ और हैवी व्हीकल फैक्टरी, चेन्नई के वैज्ञानिक रूसी एजेंसियों के संपर्क में हैं। दरअसल, तकनीक हस्तांतरण समझौते के तहत कंपनी टैंकों की अपडेटेड तकनीक भी मुहैया कराती है।
यह खूबी अपडेट करने की तैयारी :
- इसमें ड्रोन स्वत: ही उड़ान भरेंगे और आकंड़े टैंक के केंद्रीय सिस्टम में भेजेंगे
- इससे टैंक के आस-पास दुश्मन की मौजूदगी का पता लग सकेगा
- टैंक पर लगे ड्रोन कम ऊंचाई में उड़ेंगे, जिससे राडार की पकड़ नहीं आएंगे
- एआई की तकनीकी से लैस होंगे टी-90 टैंक
नंबर गेम :
- 5 हजार से अधिक टैंक हैं भारत के पास टी-72 एवं टी-90 श्रेणी के टैंक
- डीआरडीओ और चेन्नई की हैवी व्हीकल फैक्टरी ने किया रूसी एजेंसियों से संपर्क
टी-90 टैंक :
- टी-90 तीसरी पीढ़ी के रूसी मूल के युद्धक टैंक हैं
- 2019 में 3.12 अरब डॉलर के सौदे के बाद भारत को रूसी डिजाइन वाले टी-90 टैंक बनाने की अनुमति मिली
- 2020 पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ तनाव के बाद टी-90 टैंक किए गए थे तैनात
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