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मध्य आय वर्ग पर बढ़ रहा बकाया व्यक्तिगत ऋण का बोझ

पिछले तीन वर्षों में, भारत में 5 लाख रुपये से कम की वार्षिक आय वाले लोगों की व्यक्तिगत ऋण में हिस्सेदारी बढ़ी है। जबकि मध्य और उच्च आय वर्ग के लोगों पर ऋण का बोझ बढ़ा है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 31 Dec 2024 05:20 PM
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- पांच लाख से कम आय वाले लोगों पर असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण सबसे ज्यादा - तीन वर्ष में पांच लाख रुपये से कम की आय वालों की ऋण में हिस्सेदारी घटी है।

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता

देश में मध्य और उच्च आय वर्ग से आने वाले लोगों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। बीते तीन वर्षों में पांच से 15 और 15 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय ग्रुप में आने वाले लोगों की बकाया व्यक्तिगत ऋण की हिस्सेदारी बढ़ी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि इन दोनों वर्गों के लोगों पर बकाया पर्सनल लोन का हिस्सा करीब 11 फीसदी तक बढ़ गया है। इसका मतलब है कि ऋण लेने वालों की संख्या बढ़ रही है और उसे समय पर चुका न पाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। उधर, व्यक्तिगत असुरक्षित ऋण के मामले में सबसे अधिक पांच लाख से कम की आय वाले लोगों का नाम आया है।

केंद्रीय बैंक द्वारा जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (दिसंबर 2024) से पता चला है कि बीते तीन वर्षों में पांच से 15 लाख तक की आय वर्ग में आने वाले लोगों की पर्सनल बकाया ऋण के रूप में हिस्सेदारी सितंबर 2024 तक 11 फीसदी बढ़ी है। जबकि 15 लाख से अधिक की आय वालों की हिस्सेदारी 9 फीसदी बढ़ी है। जबकि पांच लाख तक की सालाना आय समूह में आने वाले लोगों की हिस्सेदारी महज एक फीसदी बढ़ रही है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि बैंकों का सबसे ज्यादा असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण इसी आय वर्ग के लोगों के पास फंसा हुआ है। इसी तरह से जिन लोगों की नियमित आय नहीं है, उनके बकाया ऋण में 20 फीसदी की कमी आई है। इसे पीछे मुख्य कारण बैंकों ने बीते तीन वर्षों के दौरान उन लोगों को ऋण जारी करने में सावधानी बरती है, जिनकी कोई नियमित आय नहीं होती है। ऐसे लोगों को बैंकों की तरफ से अकसर छोटी अवधि के लिए कम धनराशि के ऋण प्रदान किए जाते हैं। ऐसे ऋणों को लेकर आरबीआई ने बैंकों से सावधानी बरतने के लिए भी कहा था, जिसके बाद बैंकों ने छोटे ऋण को वसूली को बढ़ाया और नए ऋणों को जारी करने में खासी सावधानी बरती।

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ऐसे बढ़ी बकाया व्यक्तिगत ऋण में हिस्सेदारी

आय वर्ग सितंबर 2021 सितंबर 2024 हिस्सेदारी में अंतर

पांच लाख से कम 17 18 एक फीसदी अधिक

पांच से 15 लाख 26 37 11 फीसदी अधिक

15 लाख से अधिक 16 25 9 फीसदी अधिक

आय उपलब्ध नहीं 40 20 20फीसदी कम

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असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण में पांच लाख की आय वालों पर अधिक

पांच लाख से कम की आय वर्ग से आने वाले लोगों के पास असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण सबसे ज्यादा है, जिसमें कोई कमी मार्च से सितंबर 2024 के बीच नहीं आई है। मार्च में भी करीब 42 प्रतिशत असुरक्षित ऋण इस आय वर्ग से जुड़े लोगों के पास था और सितंबर में भी उतना ही ऋण फंसा हुआ था। हालांकि यह ऋण मार्च 2023 में 52 फीसदी से अधिक था। यानी बीते करीब डेढ़ वर्ष के अंदर इसमें कमी देखने को मिली है।

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पांच लाख से कम वाले लोगों पर असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण

वर्ष पांच लाख से कम 5-15 लाख 15 लाख से अधिक

मार्च 2022 42 37 10

मार्च 2023 52 42 12

मार्च 2024 42 32 8

सितंबर 2024 42 32 8

नोट - संख्या प्रतिशत में हैं।

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