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बैंक ग्राहक को 1600 नंबर शृंखला से ही कॉल करेंः आरबीआई

आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए केवल 1600 नंबर का उपयोग करें। इसके साथ ही, सभी खातों और लॉकरों के लिए नॉमिनी सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है। इन नियमों...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 17 Jan 2025 10:51 PM
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मुंबई, एजेंसी। आरबीआई ने वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के मकसद से शुक्रवार को बैंकों से कहा कि लेनदेन संबंधी उद्देश्य के लिए ग्राहकों को कॉल करने के लिए केवल 1600 नंबर शृंखला वाले फोन का ही उपयोग किया जाए। बैंकों एवं अन्य विनियमित संस्थाओं (आरई) को सिर्फ 140 नंबर शृंखला वाले फोन का ही उपयोग प्रचारात्मक उद्देश्यों के लिए करना चाहिए। आरबीआई ने फोन कॉल और एसएमएस के जरिये की जाने वाली वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए बैंकों एवं अन्य विनियमित संस्थाओं को ग्राहकों से संबंधित आंकड़ों की निगरानी और हटाने के लिए भी कहा गया है। रिजर्व बैंक ने अपने परिपत्र में कहा है कि डिजिटल लेनदेन के प्रसार से सुविधा और दक्षता आने के साथ धोखाधड़ी में भी बढ़ोतरी हुई है जो एक गंभीर चिंता का विषय है। उसने इस बारे में ठोस कार्रवाई की जरूरत भी बताई है।

ग्राहक का मोबाइल नंबर एक सर्वव्यापी पहचानकर्ता के रूप में उभरा है। यह ओटीपी, लेनदेन संबंधी अलर्ट और खाते को अद्यतन करने जैसे संवेदनशील भुगतान संचार के जरिये खाता प्रमाणीकरण और सत्यापन प्रक्रिया में मददगार है। आरबीआई ने परिपत्र में कहा है कि ग्राहक के मोबाइल नंबर का दुरुपयोग जालसाजों द्वारा विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन और अन्य धोखाधड़ी करने के लिए कई तरीकों से किया जा सकता है।

रिजर्व बैंक ने सभी विनियमित संस्थाओं से कहा है कि वे इन निर्देशों का अनुपालन शीघ्रता से सुनिश्चित करें और यह कार्य किसी भी स्थिति में 31 मार्च, 2025 तक हो जाना चाहिए।

सभी खातों, लॉकरों के लिए नॉमिनी सुनिश्चित करें

आरबीआई ने शुक्रवार को बैंकों से कहा कि वे नए और सभी मौजूदा ग्राहकों के जमा खातों तथा सुरक्षा लॉकरों में नॉमिनी सुनिश्चित करें। केंद्रीय बैंक ने कहा कि बड़ी संख्या में खातों में व्यक्ति नामित नहीं हैं। नामांकन सुविधा का उद्देश्य जमाकर्ता/जमाकर्ताओं की मृत्यु पर परिवार के सदस्यों की कठिनाई को कम करना तथा दावों का शीघ्र निपटान करना है। हालांकि, केंद्रीय बैंक के परिपत्र के अनुसार, रिजर्व बैंक के आकलन के आधार पर यह पाया गया है कि बड़ी संख्या में जमा खातों में नामित उपलब्ध नहीं हैं। आरबीआई ने कहा कि निदेशक मंडल की ग्राहक सेवा समिति (सीएससी) को नामांकन कवरेज की उपलब्धि की निश्चित अवधि पर समीक्षा करनी चाहिए। इस संबंध में प्रगति रिपोर्ट 31 मार्च, 2025 से शुरू होकर तिमाही आधार पर रिजर्व बैंक के दक्ष पोर्टल पर दी जानी चाहिए।

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