चुनौतियों के बावजूद अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही : दास
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है। उन्होंने मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव के बावजूद इसके कम होने की...
मुंबई, एजेंसी। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सुचारू तरीके से आगे बढ़ रही है। गुरुवार को एक कार्यक्रम में दास ने कहा, अक्तूबर में सकल मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के छह प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक रही है। मुद्रास्फीति में समय-समय पर उतार-चढ़ाव के बावजूद इसके कम होने की उम्मीद है।
गवर्नर ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ने हाल के दिनों में लंबे समय तक जारी उथल-पुथल के दौर में भी बहुत अच्छी तरह से काम किया है और जुझारू क्षमता दिखाई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अभी कई तरह की बाधाएं हैं, जैसे बॉण्ड प्रतिफल में वृद्धि, जिंस कीमतों में उतार-चढ़ाव तथा बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिम लेकिन इसके बावजूद वित्तीय बाजारों ने मजबूती दिखाई है।
दास ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है, जिसे मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचे.. स्थिर वित्तीय प्रणाली और मजबूत बाह्य क्षेत्र की वजह से बल मिल रहा है।
रुपये के नये निचले स्तर पर आने के बीच दास ने कहा कि भारत के बाह्य क्षेत्र ने हाल की अवधि में मजबूती व स्थिरता प्रदर्शित की है, जैसा कि चालू खाते का घाटा यानी कैड प्रबंधन के स्तर पर बना हुआ है। इसके अलावा वस्तुओं का निर्यात बढ़ा है जबकि सेवा निर्यात की वृद्धि मजबूत बनी हुई है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है। 31 अक्टूबर तक 682 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार पूरे विदेशी कर्ज तथा एक साल के आयात भुगतान के लिए पर्याप्त है। गवर्नर ने यह भी स्पष्ट किया कि आरबीआई रुपये के लिए कोई दर निर्धारित नहीं करता है और ये हस्तक्षेप व्यवस्थित गति सुनिश्चित करने तथा मुद्रा में अस्थिरता को रोकने के लिए हैं।
ब्याज दर कटौती के सुझाव पर टिप्पणी से इनकार
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्वारा ब्याज दरों में कटौती के सुझाव पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति दिसंबर में होने वाली अपनी अगली बैठक में इस बारे में उचित निर्णय लेगी। इससे पहले मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती पर विचार करना चाहिए ताकि अर्थव्यवस्था में तेजी लाई जा सके। हालांकि उन्होंने लगे हाथ यह भी कह दिया था कि यह सरकार नहीं, उनके अपने निजी विचार हैं।
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