राहत: पांच साल बाद रेपो रेट में कटौती, कर्ज हो सकते हैं सस्ते
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है, जिससे मौजूदा ऋण और नए ऋण सस्ते होंगे। यह निर्णय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है, और इससे लोगों की मासिक किस्तों में कमी...
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नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। भारतीय रिजर्व बैंक ने पांच वर्ष बाद रेपो रेट यानी नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया है। इससे उन लोगों के लिए कर्ज सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है जिन्होंने पहले से वाहन, आवास या व्यक्तिगत ऋण ले रखा है या फिर आगे कर्ज लेने जा रहे हैं। आरबीआई ने इससे पहले कोरोना के दौरान मई 2020 में रेपो दर में 40 आधार अंकों की कटौती करके इसे 4 प्रतिशत किया था। आर्थिक विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने खपत बढ़ाने के लिए बजट में काफी घोषणाएं की हैं। लोगों के पास बचत की धनराशि ज्यादा हो, इसके लिए आयकर छूट की सीमा को सीधे सात लाख से बढ़ाकर 12 लाख सालाना कर दिया गया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कमी को लेकर ऐलान कर सकता है क्योंकि मौजूदा वक्त में महंगाई दर भी नियंत्रण में है, जिससे आरबीआई के पास ब्याज दर में कमी करने का सही समय है।
ऐसे में मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत करने का ऐलान किया है। रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को धन उधार देता है। इसका मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से सस्ती दर पर ऋण मिल सकेगा, जिसका लाभ बैंकों द्वारा आम लोगों को दिए जाने वाले आवास, कार और व्यक्तिगत ऋण की दरों पर भी दिखाई देगा। संभावना जताई जा रही है कि पुराने ऋणों की मासिक किस्त में कमी आएगी। कितनी कमी आएगी, यह ऋण धनराशि और अवधि के आधार पर निर्धारित होगी। वहीं, लोगों के लिए नया कर्ज लेना भी पहले से सस्ता होगा।
घर कर्ज की मासिक किस्तों में कमी का अनुमान
(अवधि 20 साल, मौजूदा ब्याज दर 8.5%, संशोधित ब्याज दर 8.25%)
कर्ज राशि पुरानी किस्त संशोधित किस्त मासिक बचत सालाना बचत
20 लाख 17356 17041 315 3780
30 लाख 26035 25562 473 5,676
40 लाख 34713 34083 630 7,560
50 लाख 43391 42,603 788 9,456
नोट: फिक्स्ड ब्याज दर पर कटौती का कोई असर नहीं होगा।
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