रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेः राजनाथ सिंह
- रक्षा मंत्री ने कहा- रक्षा निर्यात की दिशा में बढ़ रहा देश
नई दिल्ली, एजेंसी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि देश के कुल रक्षा उत्पादन का कम से कम 50 प्रतिशत निजी क्षेत्र की भागीदारी से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में भारत पहले आयात पर निर्भर देश था, लेकिन अब देश रक्षा निर्यात की दिशा में आगे बढ़ रहा है। रक्षा मंत्री ने सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) के सातवें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि रूस और यूक्रेन में जो संघर्ष चल रहा है वह इस बात को साबित करता है कि रक्षा औद्योगिक आधार का महत्व कम नहीं हुआ है, बल्कि इसका विस्तार करने की जरूरत है। उन्होंने उद्योग जगत से निर्यात और आयात के आंकड़ों को ध्यान में रखने और दोनों के बीच अनुपात को कम करने का प्रयास करने का भी आह्वान किया।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के प्रयास मजबूत करेंगे
राजनाथ ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के प्रयासों को और अधिक सशक्त किया जाएगा, यह हमारी सरकार का दृढ़ विश्वास है। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रयासों का उल्लेख किया, जिनमें उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों का निर्माण, सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची (पीआईएल) जारी करना, आयुध निर्माण बोर्ड का निगमीकरण, डीआरडीओ द्वारा निजी उद्योगों को सहायता प्रदान करना और रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 को शुरू करना शामिल है।
रक्षा औद्योगिक आधार बढ़ाने की जरूरत
राजनाथ ने अपने संबोधन में रूस-यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध से पता चलता है कि रक्षा औद्योगिक आधार का महत्व पहले की तुलना में कम नहीं हुआ है, बल्कि आने वाले समय में इसे और विस्तार दिए जाने की आवश्यकता होगी।
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