पीओके के बिना जम्मू-कश्मीर अधूरा: राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाया और कहा कि उसे पीओके में आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बिना...
या, पाकिस्तान पीओके में आतंकी ढांचे नष्ट करे: राजनाथ
- रक्षा मंत्री ने जम्मू के अखनूर सीमावर्ती क्षेत्र में 108 फुट ऊंचा तिरंगा फहराया, ऐतिहासिक संग्रहालय का उद्घाटन किया
अखनूर/जम्मू, एजेंसियां। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित कर भारत को अस्थिर करने के लगातार प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में अपने आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना होगा या परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। पीओके पर भारत की स्थिति दोहराते हुए उन्होंने कहा, पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के बिना जम्मू-कश्मीर अधूरा है। पाकिस्तान के लिए पीओके विदेशी क्षेत्र से ज्यादा कुछ नहीं है।
अखनूर में पूर्व सैनिकों की रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, पीओके की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद का कारोबार चलाने के लिए किया जा रहा है। आज भी वहां आतंकी प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं। सीमा के पास के इलाकों में लॉन्च पैड बनाए गए हैं। भारत सरकार को इस बारे में पुख्ता जानकारी है। वह हालात से पूरी तरह वाकिफ है। पाकिस्तान को इसे खत्म करना होगा, नहीं तो...।
उन्होंने आगे कहा कि पीओके के लोग सम्मानजनक जीवन से वंचित हैं और पाकिस्तान के शासकों ने अपने भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए धर्म के नाम पर उनका शोषण किया है। सिंह ने पीओके के प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक की हाल की टिप्पणियों की भी निंदा की। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह जनरल जिया-उल-हक के समय से पोषित पाकिस्तान के भारत विरोधी एजेंडे का ही एक हिस्सा है। आतंकवाद को समर्थन देने की अपनी नीति को छोड़ने में पाकिस्तान की विफलता पर प्रहार करते हुए सिंह ने कहा, पाकिस्तान ने हमेशा भारत को अस्थिर करने का हरसंभव प्रयास किया है। वह अपने प्रयास जारी रखता है। इसके बावजूद पाकिस्तान ने कभी आतंकवाद को नहीं छोड़ा है। जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकी पाकिस्तान से आते हैं। उन्होंने 1965 से आतंकवाद और घुसपैठ को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की। इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के प्रयास जम्मू-कश्मीर के लोगों का समर्थन हासिल करने में बार-बार नाकाम रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा, न तो 1965 के युद्ध के दौरान और न ही आतंकवाद के चरम के दौरान जम्मू-कश्मीर के लोगों ने पाकिस्तान का साथ दिया। इसके बजाय, यहां हमारे कई मुस्लिम भाइयों ने आतंकवाद से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने मोहम्मद उस्मान जैसे व्यक्तियों के बलिदान की चर्चा की, जिन्होंने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। सिंह ने कहा, आज भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद उसने आतंकवाद को समर्थन देने की अपनी नीति नहीं छोड़ी है। भारत सरकार पीओके में हो रही गतिविधियों से पूरी तरह वाकिफ है और अपनी संप्रभुता व सुरक्षा के लिए किसी भी तरह का खतरा बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने पाकिस्तान के साथ 1965 के युद्ध में भारतीय सेना के वीरतापूर्ण प्रयासों को भी याद किया। उन बलिदानों पर प्रकाश डाला जिसके कारण भारत को जीत मिली। उन्होंने अखनूर की लड़ाई के महत्व की बात की, जहां भारतीय सेना ने पाकिस्तान के ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम को सफलतापूर्वक विफल कर दिया और लाहौर तक आगे बढ़ गई।
इससे पहले रक्षा मंत्री ने जम्मू के अखनूर सीमा क्षेत्र में 108 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया और एक धरोहर संग्रहालय का उद्घाटन भी किया। इस संग्रहालय में जम्मू-कश्मीर में विभिन्न युद्धों में इस्तेमाल किए गए हथियारों और युद्ध नायकों की मूर्तियों का प्रदर्शन किया गया है। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि संग्रहालय में जम्मू-कश्मीर में अनेक युद्धों में इस्तेमाल किए गए हथियारों और युद्ध के नायकों की मूर्तियों को प्रदर्शित किया गया है।
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