टोंक हिंसा: समरावता गांव स्थानांतरित होगा
राजस्थान सरकार समरावता गांव को उनियारा उप-मंडल में शामिल करेगी, जहां हाल ही में उपचुनावों के बहिष्कार के बाद हिंसा हुई थी। मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने कहा कि हिंसा में किसी को गलत तरीके से नहीं फंसाया...
जयपुर, एजेंसी। सरकार समरावता गांव को उनियारा उप-मंडल में शामिल करेगी, जहां हाल ही में हुए उपचुनावों के बहिष्कार के बाद हिंसा भड़क उठी थी। राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने मंगलवार को यह जानकारी दी। टोंक में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर सरकार द्वारा कई निर्णय लिए जाने की बात कहते हुए कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया कि हिंसा में किसी को भी गलत तरीके से नहीं फंसाया जाएगा। उन्होंने कहा कि समरावता गांव को उनियारा उपमंडल में शामिल करने पर सहमति बनी है, जिसके लिए ग्रामीणों ने 13 नवंबर को हुए उपचुनाव का बहिष्कार किया था। ग्रामीणों ने बताया कि समरावता गांव अभी देवली उपमंडल में शामिल है, जो काफी दूर है।
मीना ने मीडिया से कहा कि समरावता में हुई हिंसा के बाद पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए 19 लोग निर्दोष पाए गए और उन्हें रिहा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह हुई हिंसा के दौरान 35 बाइक, नौ चार पहिया वाहन को आग के हवाले कर दिया गया। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि विस्तृत आकलन के बाद वह पीड़ितों को हुए नुकसान की भरपाई करेगी। टोंक हिंसा की जांच संभागीय आयुक्त स्तर के वरिष्ठ अधिकारी से कराई जा रही है। क्योंकि न्यायिक जांच में अधिक समय लगेगा।
बता दें कि 13 नवंबर को जब मतदान चल रहा था, तब निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में चुनाव ड्यूटी पर तैनात एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। जब मतदान समाप्त हो गया और मतदान दल रवाना होने लगा, तो मीना और उनके समर्थकों ने कथित तौर पर उन्हें रोकने की कोशिश की। जब पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो वे कथित तौर पर हिंसक हो गए, जिसमें 26 पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसा के सिलसिले में नरेश मीना के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज की गई हैं।
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