मेक इन इंडिया विफल, देश के रूप में हम विनिर्माण में नाकाम रहे: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने सरकार पर बेरोजगारी के मुद्दे पर हमला किया और कहा कि यूपीए और एनडीए दोनों सरकारें युवाओं को स्पष्ट जवाब नहीं दे सकी हैं। उन्होंने मेक इन इंडिया की विफलता और चीन के मुद्दे पर सरकार की...
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- यूपीए और एनडीए दोनों सरकार बेरोजगारी पर युवाओं को जवाब नहीं दे सकी - अमेरिका और चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर बयान को लेकर सत्तापक्ष का हंगामा
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है। मेक इन इंडिया को विफल करार देते हुए उन्होंने कहा कि हम अभी तक बेरोजगारी की समस्या से निपटने में सक्षम नहीं हुए हैं। इस दौरान उनके अमेरिका और चीन के बारे में किए गए दावों का सत्तापक्ष ने जबरस्त विरोध किया। लोकसभा अध्यक्ष को भी हस्तक्षेप करना पड़ा।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए राहुल गांधी ने आश्चर्यजनक रूप से बेहद सौहार्दपूर्ण तरीके से अपनी बात की शुरुआत की। उन्होंने स्वीकार किया कि कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए और एनडीए सरकार बेरोजगारी को लेकर युवाओं को कोई स्पष्ट जवाब देने में विफल रही हैं। यूपीए 2004 से 2014 तक सत्ता में रही। मेक इन इंडिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया की पहल की। यह एक अच्छा विचार था। प्रधानमंत्री ने प्रयास भी किया, पर वह इसमें विफल रहे। उन्होंने कहा कि एक देश के रूप में हम विनिर्माण में विफल रहे हैं। राहुल गांधी ने एक मोबाइल फोन दिखाते हुए कहा कि यह मेक इन इंडिया नहीं, बल्कि असेंबल्ड इन इंडिया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब हमारा सिस्टम गतिशील, छोटे व मझोले व्यवसायों और लाखों लोगों के लिए सुलभ होगा और यह क्रांति हमारी विदेश नीति में नजर आएगा, तब हम अपने प्रधानमंत्री को अमेरिकी राष्ट्रपति के राज्याभिषेक के लिए आमंत्रित करने के खातिर विदेश मंत्री को नहीं भेजते। अमेरिकी राष्ट्रपति यहां आते और प्रधानमंत्री को आमंत्रित करते। सत्तापक्ष ने इस बात कड़ा विरोध किया। केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष के नेता को विदेश नीति के बारे में इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। इस हंगामे के बावजूद राहुल गांधी ने अपना भाषण जारी रखा और भारत में चीनी घुसपैठ को लेकर बयान देते हुए सत्तापक्ष को एक बार फिर हंगामा करने पर मजबूर कर दिया। उनके भाषण के वक्त प्रधानमंत्री भी सदन में मौजूद थे। राहुल गांधी ने चीन के मुद्दे पर सरकार के रुख की आलोचना करते हुए कहा कि सीमा पर चीन की घुसपैठ को लेकर प्रधानमंत्री और सेना के बयान में अंतर है। प्रधानमंत्री किसी घुसपैठ से इनकार कर रहे हैं। जबकि सेना ने प्रधानमंत्री के बयान पर असहमति जताई है। इस पर सत्तापक्ष ने कहा कि राहुल गांधी बिना तथ्यों के आधारहीन बात कर रहे हैं। उन्हें इसके सबूत देने चाहिए। उन्होंने यह दावा भी किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ नया नहीं था और यह पिछले कुछ सालों की तरह ही था।
महाराष्ट्र में कुछ माह में ही 70 लाख मतदाता कैसे बढ़े
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची में विसंगतियों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच अचानक करीब 70 लाख नए मतदाता आ गए। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से इन मतदाताओं के बारे में जानकारी मांगी है। राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग को विपक्षी दलों को मतदाता सूची से जुड़े आंकड़े उपलब्ध कराने चाहिए। उन्होंने कहा कि वह आरोप नहीं लगा रहे है, पर आयोग को इस पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि शिरडी की एक इमारत में सात हजार वोटर जोड़े गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि नए मतदाता ज्यादातर उन क्षेत्रों में जुड़े हैं, जहां भाजपा को बढ़त मिली है।
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