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अवैध कॉलोनी की संपत्ति का बिना एनओसी होगा पंजीकरण

पंजाब विधानसभा ने अवैध कॉलोनियों में संपत्तियों के पंजीकरण के लिए एनओसी की आवश्यकता को समाप्त करने वाला विधेयक पारित किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इससे गरीब लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। नए...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 3 Sep 2024 05:48 PM
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पंजाब में अवैध कॉलोनियों में बिना एनओसी के संपत्ति पंजीकरण की अनुमति देने वाला विधेयक पारित गरीब लोगों को मिलेगी बहुत बड़ी राहत, नए अधिनियम के उल्लंघन पर प्रमोटर को 10 साल तक कैद

चंडीगढ़, एजेंसी। पंजाब विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया। इसका उद्देश्य अवैध कॉलोनियों में संपत्तियों के पंजीकरण के लिए एनओसी की प्रथा को खत्म करना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह आम लोगों के लिए बड़ी राहत होगी।

मान ने विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र के दूसरे दिन पंजाब अपार्टमेंट एवं संपत्ति विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए मान ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसने 31 जुलाई, 2024 तक किसी अनधिकृत कॉलोनी में 500 वर्ग गज तक के क्षेत्र के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी, स्टांप पेपर पर बिक्री के लिए समझौता या ऐसा कोई अन्य दस्तावेज किया है, उसे भूमि के पंजीकरण के लिए किसी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि ऐसे संपत्ति मालिक रजिस्ट्रार या सब-रजिस्ट्रार या संयुक्त सब-रजिस्ट्रार के समक्ष ऐसे क्षेत्र का पंजीकरण कराने के हकदार होंगे और ऐसे क्षेत्र को पंजीकृत कराने की यह छूट राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित तिथि तक उपलब्ध रहेगी। मान ने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य छोटे प्लॉट धारकों को राहत देने के अलावा अवैध कॉलोनियों पर कड़ा नियंत्रण सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि यह आम आदमी के लिए बड़ी राहत है क्योंकि इस संशोधन का उद्देश्य लोगों को अपने प्लॉट की रजिस्ट्री कराने में आ रही समस्याओं को दूर करना है।

मान ने कहा कि इससे उन करोड़ों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी जिन्होंने गलती से अपनी मेहनत की कमाई अवैध कॉलोनियों में लगा दी थी। उन्होंने कहा कि इन मासूम लोगों ने अपना पैसा घर बनाने में लगाया, लेकिन वे मुसीबत में फंस गए। विधेयक के अनुसार, यदि इस अधिनियम के तहत पंजीकृत कोई व्यक्ति या प्रमोटर या उसका एजेंट कानून के प्रासंगिक प्रावधानों का पालन करने में विफल रहता है, तो उसे कम से कम पांच साल की कैद की सजा दी जाएगी जो 10 साल तक हो सकती है। साथ ही न्यूनतम 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा जो 5 करोड़ रुपये तक हो सकता है।

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