लॉकडाउन में बेरोजगार हुए कैदियों को तिहाड़ में फिर मिला रोजगार
-पहले चरण में 75 कैदी बना रहे जूट बैग और हर्बल प्रोडक्ट्स नई दिल्ली। प्रमुख
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता
लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए तिहाड़ जेल के कैदियों को अब फिर से रोजगार मिलने लगा है। इन दिनों कैदी जूट बैग और हर्बल प्रोडक्ट बनाने में जुटे हुए हैं। इसके अलावा उत्तरी दिल्ली निगम प्राइमरी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए डेस्क भी तैयार की जा रही हैं। पहले चरण में करीब 75 कैदी अलग-अलग कार्य कर रहे हैं। जेल अधिकारियों का कहना है कि अब थोड़े हालत सामान्य हैं।
तिहाड़ जेल में जब कोरोना के मामले अधिक संख्या में सामने आए थे तो उस दौरान जेल प्रशासन ने कैदियों की जमानत अवधि को बढ़ा दिया था। इस दौरान मंडोली जेल में कोरोना की वजह से एक विधायक सहित दो कैदियों की मौत हो गई थी। जेल प्रशासन ने इन मामलों को गंभीरता से लिया और करीब पांच हजार कैदियों की जमानत को और जनवरी-फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया था। जमानत पर गए कैदी मार्च में धीरे-धीरे तिहाड़ में लौटने लगे। अधिकांश कैदी लॉकडाउन में बेरोजगार हो गए थे, लेकिन जैसे ही वह जेल में लौटे, उन्हें रोजगार मिलने लगा।
तिहाड़ जेल नंबर चार में इन दिनों जूट बैग तैयार किए जा रहे हैं, वहीं जेल नंबर पांच में हर्बल प्रोडेक्ट्स बनाए जा रहे हैं। ये सभी टीजे ब्रांड के नाम से तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा हैंड वॉश साबुन, हैंड क्लीनगर,नहाने का साबुन, अगरबती सहित अन्य सामान शामिल हैं। जेल अधिकारियों का कहना है कि जेल नंबर दो में कैदी प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए डेस्क भी तैयार कर रहे हैं। उत्तरी निगम को 12 हजार डेस्क तैयार कर दिए जाने हैं। दिसंबर 2019 में भी 12 हजार डेस्क उत्तरी निगम को सौंप दिए गए थे, जबकि वर्ष 2020 के शेष 12 हजार डेस्क तैयार नहीं हो सके थे।
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