Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीPresident Murmu Emphasizes Literature s Role in Empowering Humanity at Literary Festival

साहित्य मानवता को सशक्त बनाता है: मुर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने साहित्य के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह मानवता को सशक्त बनाता है और समाज को बेहतर करता है। उन्होंने कहा कि साहित्य को मानवता के अनुभवों से जुड़ना चाहिए। मुर्मु ने बाल...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 23 Nov 2024 09:37 PM
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नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि साहित्य मानवता को सशक्त और समाज को बेहतर बनाता है। देश के क्षेत्रीय साहित्य में अखिल भारतीय चेतना हमेशा मौजूद रही है। मुर्म ने शनिवार को यह बात राष्ट्रीय राजधानी में आयाजित एक साहित्यिक महोत्सव में कही। मुर्मु ने कहा, यह चेतना रामायण और महाभारत के समय से लेकर हमारे स्वतंत्रता संग्राम तक की हमारी यात्रा में दिखाई देती रही है और आज के साहित्य में भी देखी जा सकती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि यह देखा गया है कि जो लेखक लोगों के सुख-दुख से जुड़े रहते हैं, उनका काम पाठकों को पसंद आता है। समाज उन लेखकों को नकार देता है जो समाज के अनुभवों को कच्चा माल मानते हैं। ऐसे लेखकों का काम एक छोटे से साहित्यिक प्रतिष्ठान तक ही सीमित रह जाता है।

मुर्मु ने कहा, जहां बौद्धिक आडंबर और पूर्वाग्रह है, वहां साहित्य नहीं है। लोगों के दुख-दर्द को साझा करना साहित्य की पहली शर्त है। दूसरे शब्दों में साहित्य को मानवता के प्रवाह से जुड़ना चाहिए। साहित्य मानवता को सशक्त बनाता है और समाज को बेहतर बनाता है।

उन्होंने कहा, साहित्य मानवता के शाश्वत मूल्यों को बदलती परिस्थितियों के अनुसार ढालता है। साहित्य समाज को नया जीवन देता है। महात्मा गांधी के विचारों को कई संतों और कवियों ने प्रभावित किया। साहित्य के ऐसे प्रभाव का सम्मान किया जाना चाहिए।

राष्ट्रपति ने सभी से मौलिक लेखन और अनुवाद के माध्यम से बाल साहित्य को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। क्योंकि इससे देश और समाज को समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी। मुर्मु ने महोत्सव में पधारे प्रसिद्ध कवि और गीतकार गुलजार को ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिलने पर बधाई दी।

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