गर्भावस्था के दौरान तनाव से शिशुओं में मिर्गी का खतरा
एक अध्ययन में पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान तनाव लेने से शिशुओं में मिर्गी का खतरा बढ़ सकता है। जापान के टोटोरी विश्वविद्यालय के शोध में यह पाया गया कि गर्भावस्था में तनाव का सामना करने वाली...
टोक्यो, एजेंसी। गर्भावस्था के दौरान तनाव लेने से शिशुओं में मिर्गी का खतरा बढ़ सकता है। लंबे समय तक हल्के तनाव का होना भी इसका खतरा बढ़ाता है। प्लस वन पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।
अध्ययन के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव बच्चों की विकासशीलता को प्रभावित करते हैं। इससे कुछ महिलाओं को कम तनाव और कुछ को अधिक तनाव होता है। सही संतुलन होना आवश्यक है ताकि विकासशील भ्रूण के लिए जोखिम को कम किया जा सके। जापान के टोटोरी विश्वविद्यालय में हुए शोध के अनुसार, तीन साल से कम उम्र में मिर्गी की समस्या होने का यह बड़ा कारण है। गर्भावस्था के दौरान तनाव के अलावा संक्रमण, कम वजन और खराब खानपान के कारण भी बच्चों में यह समस्या देखी जा सकती है।
इस तरह सामने आए निष्कर्ष
बच्चों में मिर्गी की वजह जानने के लिए यह अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं ने तीन साल से कम उम्र के एक लाख बच्चों का स्वास्थ्य से संबंधित डाटा जुटाया। इसमें गर्भावस्था के दौरान तनाव का सामना करने की शिकायत करने वाली महिलाओं के बच्चों को भी शामिल किया गया। उन्होंने पाया, गर्भावस्था के दौरान जिन महिलाओं ने तनाव का सामना किया उनके बच्चों में मिर्गी होने का खतरा अधिक था। एक साल के 89 बच्चे, दो साल के 129 बच्चे और तीन साल के 149 बच्चे मिर्गी से पीड़ित पाए गए। इन में से करीब 60 फीसदी की मांओं ने गर्भावस्था के दौरान तनाव झेलने की शिकायत की थी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।