भारत को भरोसेमंद साझेदार के रूप में देख रही दुनिया: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग जगत को विनिर्माण क्षेत्र से लाभ उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पहली बार उद्यमी बनने वाले पांच लाख महिलाओं और अनुसूचित जातियों को दो करोड़ रुपये तक का ऋण मिलेगा।...

- प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत से इसका लाभ उठाने का आह्वान किया, बजट बाद वेबिनार को किया संबोधित - पहली बार उद्यमी बनने वाले पांच लाख को दो करोड़ रुपये तक का ऋण मिल सकेगा
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि इस समय दुनिया का हर देश भारत के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना चाहता है। उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र से इस साझेदारी का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। मोदी ने कहा कि सरकार विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दो मिशन शुरू करेगी।
नियामकीय, निवेश और कारोबारी सुगमता के सुधारों पर बजट-बाद वेबिनार को संबोधित करते हुए मोदी ने उद्योग जगत से ऐसे नए उत्पादों की पहचान करने को कहा, जिनका निर्माण देश में किया जा सके और वैश्विक मांग को पूरा किया जा सके। मोदी ने उद्योग जगत से कहा, हमारा देश ये करने में सक्षम है, आप सभी (उद्योग जगत) सक्षम हैं, ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है। मैं चाहता हूं कि हमारा उद्योग जगत दुनिया की इन अपेक्षाओं को सिर्फ दर्शक बनकर न देखे। हम दर्शक बनकर नहीं रह सकते, आपको इसमें अपनी भूमिका तलाशनी होगी, आपको अपने लिए अवसर तलाशने होंगे।
प्रधानमंत्री ने देशभर में छह करोड़ से अधिक सूक्ष्म, लघु और मझोली (एमएसएमई) इकाइयों को समय पर और कम लागत वाले धन तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ऋण वितरण के नए तरीके विकसित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि पहली बार उद्यम शुरू कर रही पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उद्यमियों को दो करोड़ रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा। उन्होंने कहा, आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि का इंजन है। भारत ने कठिन समय में भी अपनी जुझारू क्षमता साबित की है। आज हर देश भारत के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना चाहता है। हमारे विनिर्माण क्षेत्र को इस साझेदारी का लाभ उठाना चाहिए। सरकार की निरंतरता और सुधारों के प्रति भरोसे के कारण उद्योग जगत को नया आत्मविश्वास मिला है। मोदी ने कहा, मैं विनिर्माण और निर्यात क्षेत्र को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आने वाले वर्षों में भी यह जारी रहेगा। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें और बड़े कदम उठाएं। देश के विनिर्माण और निर्यात क्षेत्र के लिए नए रास्ते खुले हैं।
एमएसएमई को मार्गदर्शन की भी जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसएमई को न केवल कर्ज, बल्कि मार्गदर्शन की भी जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि उद्योगों को उनके समर्थन के लिए मार्गदर्शन कार्यक्रम शुरू करने चाहिए। मोदी ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति के लिए स्थिर नीति और बेहतर कारोबारी माहौल महत्वपूर्ण है। सरकार ने केंद्र और राज्य स्तर पर 40,000 से अधिक अनुपालन समाप्त कर दिए हैं और जन विश्वास 2.0 विधेयक पर काम कर रही है। मोदी ने कहा, हमने गैर-वित्तीय क्षेत्र के नियमों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है। हमारा प्रयास उन्हें आधुनिक, मजबूत, लोगों के अनुकूल और विश्वास आधारित बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दो मिशन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि बेहतर प्रौद्योगिकी और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी हितधारकों से वैश्विक स्तर पर मांग वाले नए उत्पादों की पहचान करने का आग्रह किया, जिन्हें भारत में बनाया जा सके। उन्होंने हितधारकों को निर्यात क्षमता वाले देशों से रणनीतिक रूप से संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कोविड में भारत ने वैश्विक वृद्धि को गति दी
प्रधानमंत्री ने कहा, दुनिया इस समय राजनीतिक अनिश्चितता का सामना कर रही है। पूरा विश्व भारत को वृद्धि केंद्र के रूप में देख रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी संकट के दौरान, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था सुस्त हो गई, उस समय भारत ने वैश्विक वृद्धि को गति दी। मोदी ने कहा कि अगले वित्त वर्ष (2025-26) के बजट में एमएसएमई की परिभाषा को और विस्तृत किया गया है, ताकि निरंतर वृद्धि में उनका विश्वास पैदा हो सके। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे। हालांकि, एमएसएमई के सामने सबसे बड़ी समस्या ऋण प्राप्त करने में कठिनाई थी। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले एमएसएमई को लगभग 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज मिला था, जो अब बढ़कर लगभग 30 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
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