बड़े लक्ष्य के लिए हर नागरिक को जुटना होगा: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग-2025 में युवाओं से बड़े सपने देखने और उन्हें प्राप्त करने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को अपने...
- विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग-2025 : प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बड़े सपने देखने और उन्हें हासिल करने पर दिया जोर - कहा, भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को कंफर्ट जोन से बाहर आकर चुनौतियां उठानी होंगी
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। मेरा विश्वास कहता है कि युवा शक्ति का सामर्थ्य भारत को विकसित राष्ट्र बनाएगा। रविवार को भारत मंडपम में आयोजित विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग-2025 को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि समय का चक्र देखिए, इसी भारत मंडपम में दुनियाभर के दिग्गज एकत्र होकर दुनिया का भविष्य तय कर रहे थे। आज मेरा सौभाग्य है कि उसी स्थान पर देश के नौजवान अगले 25 वर्षों में भारत कैसा हो, उसका रोडमैप तैयार कर रहे हैं। इसलिए भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को कंफर्ट जोन से बाहर आकर चुनौती उठानी होगी। बड़े सपने देखने होंगे और फिर उन्हें पूरा करने के लिए सामूहिक प्रयास भी करने होंगे।
अगले दशक तक 10 ट्रिलियन डॉलर के पड़ाव को भी पार कर जाएंगे
प्रधानमंत्री ने आह्वान किया कि बड़े लक्ष्य के लिए राष्ट्र के हर नागरिक का जुटना जरूरी है। अब विकसित भारत की जिम्मेदारी मोदी की नहीं, आपकी भी बन गई है। जब हमारे लक्ष्य और प्रयासों की एक दिशा होगी तो कोई विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक पाएगा। आज भारत के पास बड़ा अवसर है। भारत सबसे युवा देश रहने वाला है। दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियों को भारत के युवा चला रहे हैं और आज पूरी दुनिया भारत के युवाओं की प्रतिभा की मुरीद है। युवाओं के सामने आने वाले 25 वर्षों का अमृतकाल है। जहां आपके पास सपने देखने और पूरा करने का सुनहरा अवसर है। उन्होंने बीते 10 वर्ष के कार्यों को गिनाते हुए कहा कि सरकार युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए कदम से कदम मिलाकर चल रही है। बीते 10 वर्षो में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। आज जिस रफ्तार से चल रहे हैं, उसके हिसाब से वह दिन दूर नहीं जब पूरा भारत गरीबी मुक्त होगा। इसलिए 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए हर दिन सपना देखना होगा और उसे पूरा करना होगा। अंतरिक्ष शक्ति के क्षेत्र में भी भारत अपने कदम तेजी से बढ़ा रहा है। हमें 2035 तक अंतरिक्ष में अपना स्टेशन स्थापित करना है। दुनिया ने चंद्रयान की सफलता देखी। अब गगनयान की तैयारी जोरों पर है। पर, हमें उससे आगे का सोचना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे अनेक लक्ष्य को हासिल करते हुए 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल कर पाएंगे। आज हम पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के पड़ाव की तरफ बढ़ रहे हैं। भारत अगले दशक की समाप्ति तक 10 ट्रिलियन डॉलर के पड़ाव को भी पार कर जाएगा।
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लक्ष्य बड़ा पर असंभव नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग आंकड़ों का गुणा-भाग करते हैं, उन्हें लगता होगा कि यह बहुत मुश्किल है लेकिन मेरी आत्मा आप सभी के भरोसे से कहती है कि लक्ष्य बड़ा जरूर है लेकिन असंभव नहीं है। इतिहास हमें सीख और प्रेरणा देता है। दुनिया में अनेक उदाहरण हैं जब किसी देश, समुदाय और समूह ने बड़े सपनों और संकल्पों के साथ एक दिशा में चलना शुरू किया, तो उसे सिद्ध करके दिखाया। 1930 के दशक में अमेरिका भीषण आर्थिक संकट में फंस गया था लेकिन तब वहां की जनता ने ठाना। उसके बाद अमेरिका न केवल संकट से निकला, बल्कि विकास की रफ्तार को कई गुना तेज करके दिखाया। इसी तरह सिंगापुर मछुआरों का छोटा सा गांव हुआ करता था, लेकिन सही नेतृत्व मिला और जनता ने साथ मिलकर तय किया कि हम अपने देश को विकसित राष्ट्र बनाएंगे। इसके बाद कुछ ही वर्षों में सिंगापुर वैश्विक वित्त और व्यापार का हब बन गया।
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बड़े सपने देखना और उन्हें हासिल करना असंभव नहीं
प्रधानमंत्री ने आजादी से लेकर खाद्यान्न संकट का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के लिए उस वक्त लोगों ने सपना देखा तो उसे पूरा करके दिखाया। आजादी के बाद देश में अनाज का संकट था लेकिन देश के किसानों ने संकल्प लिया और भारत को खाद्यान्न के संकट से मुक्त करके दिखाया। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश स्वामी विवेकानंद को याद कर रहा है। जैसे उन्हें आप (युवाओं) पर भरोसा था। वैसे ही मेरा उन पर भरोसा है। आयोजन में हिस्सा ले रहे युवाओं से मोदी ने कहा कि आपकी हर बात में मिट्टी की महक है। जमीनी स्तर की सच्चाई है। भारत के युवा बंद कमरे में बैठकर नहीं सोच रहे। अब युवा देश की नीतियों का हिस्सा बनेंगे। आप में से अनेक नौजवान राजनीति में भागीदारी के लिए आगे आएंगे।
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हमने लक्ष्य तय किया और फिर हासिल भी किए
मोदी ने कहा कि जो लोग यह सोचकर बैठे रहते हैं कि छोड़ो यार, सब होता रहता है, लोग भूखा थोड़ी मर रहे हैं। ऐसी भावना में जो लोग दिखते हैं वो चलते फिरते हैं लेकिन मरी हुई लाश से ज्यादा कुछ नहीं होते हैं। जब लक्ष्य तय होता है तब हम पूरी ताकत से उसे पाने के लिए लगा देते हैं। आज का भारत यही कर रहा है। हमने तय किया कि भारत को खुले में शौच मुक्त होना है। सिर्फ 60 महीने में शौच से मुक्त कर दिया। कोरोना वैक्सीन का समय पर निर्माण करना और रिकॉर्ड समय में वैक्सीन लगाना हमारी प्रतिबद्धता और गति को दिखाता है। ग्रीन एनर्जी जैसे अन्य प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमने लक्ष्य रखा तो वो सब हासिल करके भी दिखाया। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बना, जिसने तय समय से नौ वर्ष पहले पेरिस समझौते को पूरा किया। अब भारत ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। हम यह लक्ष्य भी बहुत कम समय में हासिल करेंगे। आज दुनिया भारत की गति को देख रही है।
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